वृक्ष कुंज के अस्तित्व पर लगा ग्रहण, सरकार की मिलभगत या वन विभाग की उदासीनता
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वृक्ष कुंज के अस्तित्व पर लगा ग्रहण, सरकार की मिलभगत या वन विभाग की उदासीनता

   बांसवाड़ा/राजस्थान।। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ तहसील में वन कर्मियों की अनदेखी व देखरेख के अभाव में वृक्ष कुंज के अस्तित्व पर ग्रहण सा लग चूका है। 
Forest Department
   राज्य सरकार ने वन विभाग के लिए पूर्व में कई सरकारी पदों पर भर्तिया की थी लेकिन राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ में इन दिनों वन विभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी का पद फिर भी रिक्त हैं। 
28 हजार हेक्टेयर में फेला हुआ है क्षेत्र 
  आपको बताते चले की ज़िले में कुशलगढ़ वन विभाग करीब 28 हजार हेक्टेयर में फेला हुआ एक विस्तृत क्षेत्र है। इस वन क्षेत्र कुशलगढ़ रेंज में कुल पांच वन नाके है, जिसमे रामगढ़, मोहकमपुरा, कुशलगढ़, कोटड़ा व छोटीसरवा मुख्य है। इन वन नाकों पर पदस्थ स्टाफ भी वर्तमान में ऊंट के मुंह में जीरा जैसी कहावत को चरितार्थ कर रहा है।
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  जानकारों का कहना है कि सरकार ने कुशलगढ़ रेंज के वन नाका कुशलगढ़ के कोठारिया, घोडादरा में लगते जंगल में वन विभाग ने कुशलगढ़ से रतलाम रोड़ पर दो वृक्ष कुंज का निर्माण किया था। साथ ही इन वृक्ष कुंजो की सुरक्षा हेतु तार फेंसिंग भी की गई थी ताकी इसके अंदर मवेशी प्रवेश ना कर सके एवं इन वृक्ष कुंजो के अंदर लगाएं गए पौधे सुरक्षित रहें। 
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सरकार एवं वन विभाग की उदासीनता के चलते अस्तित्व खोने को है मज़बूर  
    लेकिन मौके पर आप देखेंगे तो पाएंगे की वनकर्मियों और सरकार की देखरेख के आभाव व वन विभाग के कार्मिकों की उदासिनता के चलतें इन वृक्ष कुंजो के अस्तित्व पर ग्रहण लगा दिखाई देता नजर आ रहा है। मौके पर दरवाजे के पिलर पूरी तरह से तहस-नहस हो चुके है। वृक्ष कुंजो पर लगें टीन भी मौ मौके से नदारद है।
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    वही यहां बनें होद एवं वृक्ष कुंज पर लगी लोहे की जालियां भी क्षत्रिग्रस्त हो चुकी हैं। इतना ही नहीं इस वन क्षेत्र के बचाव के लिए पक्की चारदीवारी तक भी जगह से क्षत्रिग्रस्त हो चुकी है। 
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    इस विषय पर वन विभाग के अधिकारीयो एवं कर्मचारियों से संपर्क करने पर वह सवालों से बचते नज़र आए। हालांकि राज्य में वनक्षत्रों को बचाने की सरकारी मुहीम भविष्य में कितनी कारगर होगी यह तो वक्त ही बताएगा।  

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