कोई तो है जिसे झूठ बोलने की आदत है...
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कोई तो है जिसे झूठ बोलने की आदत है...

जब देश में नौकरियां ही नहीं हैं तो आरक्षण देने से क्या हो जाएगा : नितिन गडकरी
आपने सही सवाल पूछा, आखिर नौकरी है कहां? - राहुल गांधी
    देश में हिन्दू-मुस्लिम, दलितों का शोषण, एससी-एसटी आरक्षण, मराठा आरक्षण और आये दिन होने वाले बच्चियों और महिलाओं के बलात्कार जैसी दर्दनाक घटनाओ को रोकने में नाकाम हुई मोदी सरकार अब नौकरी जैसे ज्वलंत मुद्दे पर भी घिरती हुई नज़र आ रही है। भारतीय जनता पार्टी के ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान ने ऐसा बयान दिया है जिसने पार्टी की फजीहत करा दी है। मराठा आरक्षण की मांग पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जब देश भर में तेजी से नौकरियां घट रही हैं तो ऐसी स्थिति में क्या आरक्षण देने से नौकरी मिल जाएगी. लिहाजा गडकरी को अपने बयान पर सफाई भी देनी पड़ी लेकिन तब तक इस पर राजनीति तेज हो गई। वही पार्टी की अपने दम पर छवि बनाए रखने वाले भाजपा के पालनहार नरेंद्र मोदी जी कई बार अपनी रैलियों में सार्वजानिक रूप से यह बयान दे चुके है की देश में नौकरियों की कोई कमी नहीं है, दूसरी और नितिन गडकरी का नौकरीयो की कमी को लेकर आया यह बयान जनता में इस सोच को पुख्ता कर रहा है की कोई तो है जिसे झूठ बोलने की आदत है। 
     गडकरी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा, ‘मान लीजिए आरक्षण दे दिया जाता है. लेकिन कोई नौकरी नहीं है. आखिर लोगों को आरक्षण क्यों चाहिए जब देश में नौकरी ही नहीं है। गडकरी ने कहा था कि आरक्षण रोजगार देने की गारंटी नहीं है क्योंकि नौकरियां कम हो रही हैं। उन्होंने ने कहा, ‘‘मान लीजिए कि आरक्षण दे दिया जाता है। लेकिन नौकरियां नहीं हैं। क्योंकि बैंक में आईटी के कारण नौकरियां कम हुई हैं। सरकारी भर्ती रुकी हुई है। नौकरियां कहां हैं?’’ गडकरी महाराष्ट्र में आरक्षण के लिए मराठों के वर्तमान आंदोलन तथा अन्य समुदायों द्वारा इस तरह की मांग से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री पर कटाक्ष किया है, राहुल ने कहा कि गडकरी जी, आपने बिल्कुल सही सवाल पूछा है। हर भारतीय यही सवाल पूछ रहा है। आखिर नौकरियां कहां हैं?
   गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदाय का आंदोलन जारी है। पुणे, नासिक, औरंगाबाद में यह आंदोलन हिंसक भी हुआ। कई स्थानों पर आगजनी-तोड़फोड़ भी हुई। कई जगहों से कथित तौर पर युवकों की खुदकुशी की भी खबरें आईं। बता दें कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है.

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