मेडम आप तो मस्ती में हो लेकिन आपसे राजस्थानी परेशान हो चुके है
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मेडम आप तो मस्ती में हो लेकिन आपसे राजस्थानी परेशान हो चुके है

मेडम जरा सोचो जनता आप से परेशान हो चुकी है और आप वोट मांगने निकली हो
    बांसवाड़ा/राजस्थान।। राजस्थान की बीजेपी सरकार इन दिनों आगामी चुनावो में अपनी सरजमीं तलाशने के लिए अपने 5 साल के थोथे विकासात्मक क्रियाकलापों का बखान करने के लिए राजस्थान के वागड़ क्षेत्र बांसवाड़ा में गौरव यात्रा निकाल कर जनता का ध्यान आकर्षित करने में लगी हुई है। राज्य की बीजेपी सरकार ने अपनी मुख्यमंत्री महोदया के होर्डिंग्स जगह-जगह ऐसे टांग दिए है की मानो पूरा जिला ही पोस्टरों से अटा पड़ा है। लोग जहा भी  नज़र घुमाते है तो वहा विकास की जगह नज़र आते है तो बस माननीया मुख्यमंत्री महोदया श्रीमती वसुंधरा राजे के बैनर और पोस्टर ही नज़र आते है। 
      इन दिनों खबरों के लिए अख़बार भी खोलो तो सरपंच, प्रधान, विधायक, सांसद से लेकर सरकारी कार्यालयों द्वारा जारी मेडम का व्यर्थ में महिमा मंडन करते हुए फ़िज़ूल खर्ची वाले विज्ञापन हाहाकार मचाते हुए दिख जाते है। देश के सभ्य नागरिक तो इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ हो चुके है की मेडम ने इन पैसो का यदि सही इस्तेमाल किया होता तो शायद जनता के ज्यादा नहीं तो थोड़े बहुत अच्छे दिन कही ना कही आ ही जाते, अधिकांश लोग यह सब देख कर भी हंसी ख़ुशी आंके मूंद लेते है, लेकिन बांसवाड़ा शहर में रहने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता अशोक मदहोश को मेडम की बेमतलब की चकाचोंध नागवार गुजरी है आखिर ऐसा हो भी क्यों ना जब यह जिला खस्ताहाल सड़कों, बदबूदार पानी, दमतोड़ती विद्युत सप्लाई और बेरोजारी की समस्या से आए दिन दो-चार हाथ करते दिख जाता है तो ऐसे में सुराज संकल्प या गौरव यात्रा का अर्थ ही कितना रह जाता है?  फिर क्या था मदहोश जी और उनके कुछ साथियों ने अपनी भड़ास शहर के डेगली माता चौक पर मेडम का हास्यास्पद प्रदर्शन कर निकाली जो आज जनता के कोतूहल और चर्चा का विषय रहा। 
     उन्होंने मेडम के फोटो के साथ उन बातों को भी लिखा जिसे जनता आए दिन दबे मन से कहते हुए कही ना कही सुनाई देती है, उन्होंने लिखा मेडम जरा सोचो जनता आप से परेशान हो चुकी है और आप वोट मांग रही हो। जिले की सड़के टूटी पड़ी है, बिजली की लुकाछिपी से भी जनता परेशान है, स्वच्छ भारत में जहा देखो वहां गंदगी से शहर अटा पड़ा है, नगर परिषद् तो जैसे दुश्मनी निकालने का अड्डा बन चूका है जो भी सरकार के खिलाफ बोले परिषद् वालों की गुंडई से उन्हें डराओं। यही नहीं अपराधों का ग्राफ भी दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में मेडम आप खुद ही सोचो क्या यही आपका गौरव है ? यदि यही आपका गौरव और सुराज है तो निःसंदेह विदाई में कुछ माह और शेष है, क्योंकि जो जनता मर्यादावश खुल कर बोल नहीं सकती वह चुनावों में अपना दमख़म दिखाने में पीछे नहीं रहती है।

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