हरियाणा के रेवाड़ी में सीबीएसई दसवीं की टॉपर रह चुकी छात्रा को अगवाकर
गैंगरेप हुआ है. एक दर्जन युवकों पर दरिंदगी करने का आरोप है. 19 साल की
जिस लड़की के साथ दरिंदगी हुई है उसे 26 जनवरी 2016 को राष्ट्रपति ने
सम्मानित किया था. 24 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन गैंगरेप करने वाले
आरोपी खुले घूम रहे हैं. पुलिस अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई है.
नारनौल के एसपी विनोद कुमार ने दरिंदगों को पकड़ने के लिए नई डेडलाइन दी है. विनोद कुमार ने कहा है कि आज रात तक सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे.
हरियाणा से ही बेटी बचाओ बेटी पढाओ नारा शुरू हुआ था. हरियाणा में मनोहर
लाल खट्टर की सरकार है लेकिन इतनी बड़ी घटना पर सीएम खट्टर सिर्फ 7 सेकेंड
में बोल कर चले गए कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे, कानून अपना काम करेगा. आरोप
के मुताबिक कोचिंग जा रही लड़की को गांव के ही तीन लड़के पंकज, मनीष और
नीशू ने अगवाकर महेन्द्रगढ़ जिले की सीमा से दूर झज्जर जिले की सीमा के
खेतों में बने एक कुएं पर ले गए. यहां पहले से कुछ और लोग मौजूद थे, नशे की
हालत में सभी ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया. शाम करीब 4 बजे कनीना बस
अड्डे पर ही बेसुध हालत में फेंककर वहां से रफूचक्कर हो गए.
आरोपी युवकों में से एक युवक ने छात्रा के घर पर फ़ोन कर यह जानकारी भी दी कि उनकी लड़की यहां बेसुध पड़ी हुई है. परिजन वहां पहंचे तो उनकी आंखें खुली की खुली रह गई. पुलिस के मुताबिक पीड़ित छात्रा रेलवे परीक्षा की तैयारी कर रही थी. इसके लिए वो महेंद्रगढ़ के कनिना में कोचिंग कर रही थी. कोचिंग से लौटते वक्त तीन युवकों ने उसका अपहरण कर लिया और नशीला पदार्थ पिलाकर गैंगरेप किया.
रेवाड़ी गैंगरेप कांड में पुलिस का रवैया हैरान करनेवाला रहा. लड़की के परिवार वालों ने घटना की शिकायत रेवाड़ी पुलिस से की तो आरोपियों की गिरफ्तारी की बजाय पुलिस ने उन्हें सीमा विवाद में फंसाकर महेंद्रगढ़ के कनीना थाने में केस दर्ज कराने को कहा. रेवाड़ी महिला पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज़ कर उसे कनीना(महेंद्रगढ़)थाने भेज दिया.
कनीना थाने से भी पीड़ित परिजनों को यह कहकर वापस लौटा दिया की यह मामला उनकी सीमा क्षेत्र से बाहर हुआ है. जबकि इस बारे में जीरो एफआईआर के नियम बेहद साफ हैं. यानि पीड़ित बलात्कार की शिकायत कहीं भी, किसी भी थाने में दर्ज करा सकती है उसके बाद मामले को वहां ट्रांसफर किया जाएगा जहां घटना घटी है. मां कह रही है कि आरोपी अभी भी उनके घर के आसपास मंडरा रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक पीड़ित बीएसई फर्स्ट ईयर की स्टूडेंड है. पीड़न राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी भी है. लड़की के पिता पीटीआई हैं और गांव छात्रों को मुफ्त खेल प्रशिक्षण देते हैं. लड़की के शिक्षक भी घटना से बेहद नाराज हैं. उनका कहना है कि अगर ऐसी घटनाएं होंगी तो फिर बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ कैसे सफल होगा?
आरोपी युवकों में से एक युवक ने छात्रा के घर पर फ़ोन कर यह जानकारी भी दी कि उनकी लड़की यहां बेसुध पड़ी हुई है. परिजन वहां पहंचे तो उनकी आंखें खुली की खुली रह गई. पुलिस के मुताबिक पीड़ित छात्रा रेलवे परीक्षा की तैयारी कर रही थी. इसके लिए वो महेंद्रगढ़ के कनिना में कोचिंग कर रही थी. कोचिंग से लौटते वक्त तीन युवकों ने उसका अपहरण कर लिया और नशीला पदार्थ पिलाकर गैंगरेप किया.
रेवाड़ी गैंगरेप कांड में पुलिस का रवैया हैरान करनेवाला रहा. लड़की के परिवार वालों ने घटना की शिकायत रेवाड़ी पुलिस से की तो आरोपियों की गिरफ्तारी की बजाय पुलिस ने उन्हें सीमा विवाद में फंसाकर महेंद्रगढ़ के कनीना थाने में केस दर्ज कराने को कहा. रेवाड़ी महिला पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज़ कर उसे कनीना(महेंद्रगढ़)थाने भेज दिया.
कनीना थाने से भी पीड़ित परिजनों को यह कहकर वापस लौटा दिया की यह मामला उनकी सीमा क्षेत्र से बाहर हुआ है. जबकि इस बारे में जीरो एफआईआर के नियम बेहद साफ हैं. यानि पीड़ित बलात्कार की शिकायत कहीं भी, किसी भी थाने में दर्ज करा सकती है उसके बाद मामले को वहां ट्रांसफर किया जाएगा जहां घटना घटी है. मां कह रही है कि आरोपी अभी भी उनके घर के आसपास मंडरा रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक पीड़ित बीएसई फर्स्ट ईयर की स्टूडेंड है. पीड़न राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी भी है. लड़की के पिता पीटीआई हैं और गांव छात्रों को मुफ्त खेल प्रशिक्षण देते हैं. लड़की के शिक्षक भी घटना से बेहद नाराज हैं. उनका कहना है कि अगर ऐसी घटनाएं होंगी तो फिर बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ कैसे सफल होगा?