
गौरतलब है कि एनपीए के लिए जिम्मेदार उद्योगपति घरानों की यह लिस्ट पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय को दी थी. मोदी सरकार के लिए मुरली मनोहर जोशी की समिति ने सिर्फ यही चुनौती नहीं रखी है. समिति ने केन्द्र सरकार की कोयला और उर्जा मंत्रालय को भी नोटिस भेजते हुए सफाई मांगी है कि क्यों उनके क्षेत्र में बैंक के एनपीए में लगातार इजाफा हो रहा है.
रघुराम राजन ने संसदीय समिति को हाल में दिए अपने वक्तव्य में कोयला और ऊर्जा क्षेत्र को बैंकिंग क्षेत्र के एनपीए के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार बताया था. गौरतलब है कि कोयला मंत्रालय की कमान दिग्गज केन्द्रीय मंत्री पियूष गोयल के हाथ में है वहीं हाल ही में केन्द्रीय मंत्री आरके सिंह को उर्जा मंत्रालय दिए जाने से पहले इस मंत्रालय की कमान भी पीयूष गोयल के पास थी.
गौरतलब है कि मोदी सरकार बनने के बाद मुरली मनोहर जोशी को बीजेपी की मुख्यधारा की राजनीति से दरकिनार करते हुए उन्हें पार्टी के सभी महत्वपूर्ण फैसलों से अलग कर दिया गया था. मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद जोशी समेत लाल कृष्ण आडवाणी को मार्गदर्शक मंडल में भेजते हुए पार्टी में उनकी गतिविधियों को सीमित कर दिया था.
अब सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली इस लोकसभा समिति ने प्रधानमंत्री कार्यालय को हाजिरी के लिए तलब करते हुए रघुराम राजन की लिस्ट पर की गई कारवाई का ब्यौरा मांगा है. हाल ही में प्रकल्लन समिति ने एनपीए की समस्या से निपटने के लिए रघुरान राजन की मदद मांगी थी.