

बीघापुर थाना क्षेत्र के रावतपुर गांव में विजय कुमार नाम का जवान एसएसबी 42 बटालियन बहराइच में तैनात था. बताया जा रहा है कि जवान जम्मू कश्मीर के पुलवामा में चुनाव ड्यूटी के लिए पूरी बटालियन गई थी. शहीद विजय की पत्नी का कहना है की शाम 7 बजे विजय कुमार से बात हुई थी, जिसके बाद वो अपनी ड्यूटी के लिए चले गए. विजय की पत्नी का कहना है की रात में कमांडेंट का फ़ोन आया. उन्होंने बताया की विजय कुमार को गोली लगने से वो शहीद हो गए हैं. बताया जा रहा है कि जिस समय ये पूरा वाक्या हुआ था वो उस समय वह पहरा दे रहा था.
शहीद विजय कुमार ने अकेले आतंकवादियों से मोर्चा लेते हुए शहीद हो गए हालांकि विजय कुमार ने अपनी जान देकर पूरी बटालियन को बचाया है. विजय कुमार की डेढ़ साल पहले शादी हुई थी और अगस्त में वह आखिरी बार घर आया था और शहीद विजय की पत्नी गर्भवती थी और जल्द ही दीवाली के समय वह घर आने वाला था. लेकिन होने को कुछ और ही मंजूर था? पिता बनने से पहले ही विजय शहीद हो गए. वहीं देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद विजय के परिवार में गम तो है लेकिन उनके माता-पिता को गर्व भी है.