
जिला जेल में 7 जुलाई को डीएम अरविंद मलप्पा और एसपी विपिन कुमार ने छापेमारी की थी. इस दौरान जेल से मोबाइल, बीड़ी, सुर्ती, सिगरेट, पान मसाला, गांजा समेत कई अन्य मादक पदार्थ बरामद हुए थे. इसके बाद जेल में सख्ती बरती जा रही थी. इस सख्ती के विरोध में कैदियों ने सोमवार को भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया था. बंदियों ने आरोप लगाया था कि उनको मिलने वाला खाना अच्छा नहीं है और सुविधाएं भी काफी खराब हैं. इस संबंध में कोर्ट में पेशी पर लाए गए कैदियों ने मीडिया को भी सूचित कर दिया था.
कैदियों की भूख हड़ताल के दौरान जेल का माहौल गर्मा गया. कैदियों ने इस दौरान नारेबाजी की, जिसके बाद सोमवार शाम को ही डीआईजी ने सुर्ती और तंबाकू पर लगा प्रतिबंध हटाने का आश्वासन देकर भूख हड़ताल को खत्म करवाया था. बाद में मंगलवार सुबह जौनपुर जिले के ही कैदी जयराम की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. जेलर संजय सिंह ने इसके पीछे बीमारी का कारण बताया.
वहीं कैदियों ने आरोप लगाया कि डिप्टी जेलर ने जयराम की पिटाई की थी. उन्होंने बताया कि जयराम भी हड़ताल का हिस्सा था और इसी के चलते डिप्टी जेलर भड़क गया और उसकी पिटाई कर दी. जिसके बाद उसकी मौत हो गई. वहीं जेलर ने इस बात का खंडन किया. जेलर ने बताया कि जयराम की तबियत खराब होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.