अब स्टिकर- स्टाइलिश नंबर लिखने पर भी लगेगा जुर्माना, ये नंबर प्लेट होगी अनिवार्य
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अब स्टिकर- स्टाइलिश नंबर लिखने पर भी लगेगा जुर्माना, ये नंबर प्लेट होगी अनिवार्य

    लखनऊ।। आपकी एक छोटी सी नासमझी नई कार-बाइक की खुशी में खलल डाल सकती है। बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के वाहन चलाने वाले और विक्रेता दोनों को इसके लिए पांच हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। यह नंबर प्लेट लगाकर देना विक्रेता की जिम्मेदारी है, जिसकी कीमत वाहन की कीमत में जुड़ी है। वहीं, वह वाहन स्वामी भी चालान की श्रेणी में है, जिनकी नंबर प्लेट मानक के विपरीत है। उन्हें भी अब हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवानी होगी। इसके लिए अपनी एजेंसी पर जाकर बुकिंग करानी होगी। यदि एजेंसी वाले मना करें तो आरटीओ कार्यालय में शिकायत दर्ज कराएं।
     स्टिकर से बनी नंबर प्लेट अवैध, पेंट से लिखाने होंगे नंबर:वाहनों पर लगी अधिकतर नंबर प्लेट नए नियम के तहत चालान की श्रेणी में आ रही है। नए वाहनों पर जहां हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य है। वहीं पुराने वाहनों पर स्टिकर (टेप) से लिखे नंबर वाली प्लेट अवैध है। वाहनों पर पेंट से नंबर लिखाना होगा। वह मानक के अनुसार। स्टाइल में नंबर लिखना भी नियम तोडऩे की श्रेणी में आएगा।
    नंबर प्लेट पर पद या संस्था का नाम लिखने पर दो हजार जुर्माना:नंबर प्लेट पर पद, संस्थान या किसी का नाम (जाति, धर्म या परिवारीजनों के) लिखना चालान की श्रेणी में आता है। किसी पार्टी या संस्था से जुड़े स्टिकर या बैनर लगाना भी यातायात नियम उलंघन में ही आता है।
    यह लिखने नंबर लिखाने के मानक:70 सीसी से कम पावर वाले वाहन पर नंबर प्लेट (दो सौ मिमी की) पर लिखे शब्द व अंक की ऊंचाई 15 मिमी, मोटाई 2.5 मिमी, और उनके बीच की दूरी 2.5 मिमी होनी चाहिए। वहीं 500 सीसी से कम इंजन वाले वाहनों के नंबर की ऊंचाई 35 मिमी, मोटाई सात मिमी और दूरी पांच मिमी। जबकि भारी वाहनों में ऊंचाई 65 मिमी, मोटाई दस मिमी और बीच की दूरी दस मिमी होनी चाहिए।
नंबर प्लेट नंबर लिखाने के नियम-
पेंट से नंबर लिखा होना चाहिए
सफेद पर काला (निजी)
सफेद पर काला (सरकारी)
पीले पर काला (परमिट वाले)
लाल पर सफेद (लर्निंग वाहन)
सभी शब्द व नंबर सीधे व एक साइज के : क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट 
    यह प्लेट एल्युमिनियम की बनी होगी। क्रोमियम होलोग्राम वाले हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट में सात नंबर का लेजर कोड यूनीक नंबर होगा। यह मिटाया नहीं जा सकता, क्योंकि प्लेट प्रेशर मशीन से तैयार की जाती है। इससे वाहन व उसके मालिक के बारे में पूरी जानकारी हो सकेगी। इसके माध्यम से देश के वाहनों का एक सेंट्रलाइज्ड रिकॉर्ड होगा।
   इन की गलती से दूसरों को होना पड़ा परेशान/केस वन : इंदिरानगर के राजा राम दोहरे के घर यूपी 32 की जगह यूपी 33 नंबर की गाड़ी का चालान पहुंच गया। क्योंकि अन्य दोनों की गाड़ी के नंबर एक जैसे थे। यूपी 33 वालों का तीन दो जैसा प्रतीत हो रहा था।
 केस दो: तेलीबाग के मो. वारिस के घर भी चालान पहुंचा। जांच में सामने आया उनकी गाड़ी का नंबर यूपी 32 सीएम से है और जिसने तोड़ा उसका यूपी 32 जीएम था।
केस तीन: इंदिरानगर के प्रकाश चंद्र की गाड़ी नंबर 3230 था और पहुंच गया 3130 का।
लखनऊ : मानक के विपरीत नंबर प्लेट के चलते चालान उनके घर पहुंच रहे हैं, जिन्होंने यातायात के नियमों को तोड़ा ही नहीं। एसपी पूर्णेंदु सिंह ने बताया कि मानक के विपरीत शब्दों व अंकों को स्टाइल में लिखवाने से नंबर पढऩे में आ रही दिक्कत से हो रही है। पिछले दिनों ऐसे करीब दर्जन भर मामलों का निस्तारण कर सही लोगों को पकड़ा गया।

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