पुलिस के अनुसार, पलूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट देने वाली इस एजेंसी पर आरोप है कि उसने केंद्रीय मंत्री के वाहन के नंबर पर फर्जी प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी कर दिया। आरोप के अनुसार, जिस वाहन का पलूशन सर्टिफिकेट जारी किया गया, वह दिल्ली में प्रयोग किया जाता है।
आरोप है कि एजेंसी ने इस वाहन की जांच किए बिना ही बस नंबर के आधार पर पलूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट जारी कर दिया। इसके अलावा सर्टिफिकेट के लिए जिस गैस चेकिंग मशीन का प्रयोग किया जाता है, प्रमाण पत्र जारी होने के वक्त उसका भी इस्तेमाल नहीं किया गया। बता दें कि बीते दिनों महाराष्ट्र के कई हिस्सों में पीयूसी जारी करने वाली एजेंसियों की गड़बड़ी की खबरें सामने आई थीं। आरोप था कि यह एजेंसियां वाहन की जांच किए बिना ही पलूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट इश्यू कर रही हैं। इसके अलावा नितिन गडकरी द्वारा इस्तेमाल होने वाले वाहन के नाम पर भी कई पीयूसी बनवाने का मामला सामने आया था। इसकी जानकारी के बाद महाराष्ट्र सरकार ने इस केस की जांच के आदेश दिए थे।