
बचने के चांस कम
इस शोध के निष्कर्षो से पता चला कि एससीए की घटनाएं काफी कम लोगों में देखने को मिलती हैं, लेकिन जिस किसी भी व्यक्ति को ऐसा कुछ होता है उसके बचने के चांस लगभग न के बराबर होते हैं. क्योंकि यह अटैक अचानक आता है और धड़कन को रोक देता है, इसीलिए कुछ इलाज कर पाने का मौका भी काफी कम होता है.
नहीं मिल पाता सीपीआर का वक्त
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस तरह के अटैक में पीड़ित व्यक्ति के पास कोई भी अन्य व्यक्त या उसका सहयोगी तुरंत उसे सीपीआर (फुफुसीय पुर्नजीवन) दे पाने में नाकाम रहता है. सीपीआर देकर ज्यादा से ज्यादा जानें बचाई जा सकती हैं. लेकिन इस केस में ऐसा संभव नहीं हो पाता है.
सेक्स के दौरान मौत
सेडर्स-सिनाई हार्ट इंस्टीट्यूट के एसोसिएट निदेशक सुमीत चुघ ने कहा, यहां तक कि सेक्स एक्टिविटी के दौरान अचानक से हार्ट अटैक होने पर व्यक्ति का पार्टनर भी सीपीआर नहीं देता है, महज एक तिहाई मामलों में ही सीपीआर देने की जानकारी सामने आई है. यह शोध जर्नल ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ कॉर्डियोलॉजी में प्रकाशित किया गया है.
सेक्स के दौरान एल्कोहल से खतरा
शोधकर्ताओं ने बताया कि एससीए के कुछ मामलों में यौन गतिविधियों के बाद या फिर पहले कोई अधिक उत्तेजना वाली दवाई, उत्तेजक पदार्थ या अल्कोहल के प्रयोग की भी अहम भूमिका हो सकती है. इनसे एससीए का खतरा बढ़ जाता है. चुग ने कहा, शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि लोगों को एससीए के दौरान सीपीआर देने के लिए शिक्षित करने की जरूरत है.