
लिऊ यूनिवर्सिटी ऑफ पीट्सबर्ग के मेडिसिन विभाग के स्कूल ऑफ मेडिसिन में असिस्टेंट प्रोफेसर थे. बिंग लिऊ के सहायक प्रोफेसरों ने कहा कि, लिऊ सार्स -कोव -2 संक्रमण से जुड़े कोशिकीय तंत्र को समझने की दिशा में अहम खोज के करीब थे. बिंग लिऊ अपने रिसर्च को सार्वजनिक करने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही उनकी हत्या कर दी गईं. प्रोफेसरों ने कहा है कि उनके रिसर्च में कुछ ऐसा था जिसे कुछ लोग सामने नहीं आना देना चाहते थे. हो सकता है चीन व अमेरिका दोनों देश में से किसी के हाथ प्रोफेसर लिऊ के खून से रंगे हैं.