कोरोना क्या आया दिन मे चाय और रात मे दारु की मनवार हुई बंद
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कोरोना क्या आया दिन मे चाय और रात मे दारु की मनवार हुई बंद



   कोरोना की दहशत ने अपने अपनो के बीच दीवार खडी कर दी है। लोग एक दुसरे के घर आने जाने से डरने लगे है। कितना ही जरूरी काम हो फोन व्हाट्सएप पर ही निबटा रहे है। पहले लोग एक दुसरे को फोन पर चाय के लिए आमंत्रित कर लेते थे, लेकिन अब फोन की इस आपसी वार्तालाप से चाय पर बुलाने की औपचारिकता गुम सी हो गयी है। अगर कोई मजाक मे भी कहदे की मै आपके घर आ रहा हुँ तो लोग डर जाते है।
   स्थिति यहां तक बिगड गयी है कि लोग मरनी और तीये की बैठक मे भी ये सुचना छपाने लगे है कि कृपया उनके घर जाने की बजाय घर से ही मृतक को श्रदांजलि अर्पित कर दे। पुरे बारह दिन खाली जा रहे है। चाहकर भी लोग अपनो की गमी मे शरीक नही हो पा रहे है।
   कोरोना के डर से रोज शाम को पैग लगाने वालो, चिकन-मटन, अंडे, कबाब उडाने वालो के चेहरे भी आजकल घर मे मायुस लग रहे है। शाम को पांच सात लोगो के हजारो ग्रुपो के बीच दारू के पैग के साथ जो ज्ञान का बखान होता था वो आजकल शहरो, कस्बों, गांवो के आम आदमी को नही मिल पा रहा है। सारे शहर के लोग इनके ज्ञान से इस समय वंचित है।
    ये लोग अपने शहर से लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति तक की हर बात की गहरी जानकारी रखते है। पैग लगाने के बाद तो इनका दिमाग सुपर कम्प्यूटर की तरह काम करने लगता है। मोदी जी अब आगे क्या करने वाले है? राहुल गांधी कहाँ चूक गये ? सोनिया गांधी का आगे क्या प्लान है ? प्रियंका गांधी कैसे कामयाब हो सकती है ?वसुंधरा राजे का आगे क्या भविष्य है? सतीश पुनिया, 'अरुण चतुर्वेदी, गजेन्द्र सिंह शेखावत मे से कोन राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री बन सकता है ये लोग चुटकियों मे बता देते है। कोन मंत्री कितना खा रहा है कोन-कोन उसके एजेंट है। किस वकील की किस जज से सेटिंग्स है, कोन अधिकारी कितना देकर किस मलाईदार पोस्ट पर लगे है और आजकल कोन से जनाब किसकी खिदमत मे लगे है ये सब जानते है।
   पहले इन लोगो के पास रात आठ बजे बाद फोन आने पर इनकी पत्नी इनके बच्चे नाराज हो जाते थे कि घर का खाना छोडकर ये रात को किसके घर पीने पिलाने जा रहे है मगर आजकल इनके बच्चे इनकी पत्नी बार बार कान लगा कर सुनते है कि रात की आठ बजे बाद इनके किसी मित्र का ही फोन आ जाये तो थोडी देर घर का क्लेश मिट जाये। मगर पिछले तीन महिनो से बेचारो के रात आठ बजे बाद बजने वाली मोबाइल की घंठीया बंद पडी है। पत्नीया कई बार याद दिलाती है देखलो कोई फोन तो नही आया है। गहलोत सरकार ने इनके दुख तकलीफों को दूर करने के लिए शराब की दुकाने तो खोल दी मगर महफिलें जमने मे अभी समय लगेगा।
   कुल मिलाकर कोरोना ने चाय बियर दारु सबके शौकीनो पर पानी फेर दिया है। पुराने दिन कब लौटेगें ? लौटेगें की नही लौटेंगे कोई नही कह सकता। फिलहाल तो कोराना से संक्रमितो की संख्या रोज उपर जा रही है। 

(Omendra singh Raghav)

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