कोई कुछ भी कहे लेकिन देश तो ऐसे ही चलता है ..
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कोई कुछ भी कहे लेकिन देश तो ऐसे ही चलता है ..

    दुनिया का सबसे छोटा संविधान चीन का है, जहा कोई अपराधी बचता नहीं है। वही सबसे भारी भरकम संविधान भारत का है, लेकिन कोई अपराधी फंसता नहीं है। मुफ्तखोरी का आलम यह है की जब आप सरकारी राशन की दुकान पर भीड़ देखेंगे जहा हाथ में 20,000 का मोबाइल लेकर 70,000 की बाइक पर बैठकर 2 रुपये किलो चावल लेने आते हैं ये गरीब लोग।
    हाथ मे 50,000 का फोन चेहरे पर 10,000 का चश्मा उन महिलाओ को दिल्ली मे बस का सफर फ्री है, बैंक में जनधन खाते से पांच सौ रुपए निकालने के लिए पति सतर हजार की मोटरसाइकिल पर पत्नी को लाता है और पूछता है के अगले पैसे कब आयेंगे? यही तो हमारे देश की सुंदरता है। फिर भी कहते है के सरकार कुछ नहीं कर रही है। जिस देश में नसबन्दी कराने वाले को सिर्फ़ 1500 रुपए मिलते हों और बच्चा पैदा होने पर 6000 रुपए मिलते हों तो जनसंख्या कैसे नियन्त्रित होगी?
    एक बादशाह ने गधों को क़तार में चलता देखा तो धोबी से पूछा, "ये कैसे सीधे चलते है..?" धोबी ने जवाब दिया, "जो लाइन तोड़ता है उसे मैं सज़ा देता हूँ, बस इसलिये ये सीधे चलते हैं।" बादशाह बोला, "मेरे मुल्क में अमन क़ायम कर सकते हो..?" धोबी ने हामी भर ली। धोबी शहर आया तो बादशाह ने उसे मुन्सिफ बना दिया, और एक चोर का मुक़दमा आ गया, धोबी ने कहा चोर का हाथ काट दो। जल्लाद ने वज़ीर की तरफ देखा और धोबी के कान में बोला, "ये वज़ीर साहब का ख़ास आदमी है।"
    धोबी ने दोबारा कहा इसका हाथ काट दो, तो वज़ीर ने सरगोशी की, कि ये अपना आदमी है ख़याल करो। इस बार धोबी ने कहा, "चोर का हाथ और वज़ीर की ज़ुबान दोनों काट दो, और एक फैसले से ही मुल्क में अमन क़ायम हो गया…।
     बिल्कुल इसी न्याय की जरुरत हमारे देश को है। सरपंच की सैलरी 3000 से लेकर 5000 तक होती है समझ में नहीं आता है 2 साल बाद स्कॉर्पियो  और फॉर्च्यूनर कहाँ से ले आते हैं......? सभी जनप्रतिनिधियों से सम्बन्धित है यह कहानी।

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