खान सर का हकीकत भरा पंचर वाला फार्मूला, कुछ लोगो को क्यों चुभ गया?
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खान सर का हकीकत भरा पंचर वाला फार्मूला, कुछ लोगो को क्यों चुभ गया?

खान सर ने क्यों कहा आप हमको समझ सको, इतनी आपमें समझ नहीं?
   नई दिल्ली/पटना।। खान सर के नाम से प्रसिद्ध बिहार में एक 28 वर्षीय यूट्यूबर और शिक्षक हैं। वह खान जीएस रिसर्च सेंटर के नाम से जाने, जाने वाले अपने यूट्यूब चैनल पर पढ़ाने के अपने अनूठे तरीके के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं, जिनके 9.2 मिलियन से भी अधिक सब्सक्राइबर हैं, और जो रोज़ तेजी से बढ़ भी रहे है।
  खान सर के कई विडिओ में उन्होंने यह स्पष्ट रूप से कहा हैं कि उनका धर्म भारतीय है और उनका पेशा टीचिंग है। उनके कई चाहने वालों का कहना है कि खान सर अपने क्षेत्र में लीजेंड हैं और कोई भी विवाद खान सर की मांग को कभी कम नहीं कर सकता।  
आखिर कैसे विवादों में आ गए खान सर
    पटना में कोचिंग सेंटर से सरकारी नौकरी की तैयारी करवाने वाले खान सर अपने अद्भुत अंदाज में टीचिंग के लिए जाने जाते हैं। गहरी और जटिल विषयों को आसान भाषा में समझाने की काबिलियत ने खान सर को धीरे धीरे देशभर में प्रसिद्ध कर दिया। यही कारण भी रहा कि आज उनके यूट्यूब चैनल पर 92 लाख सब्सक्राइबर हैं। लेकिन इन दिनों यही खान सर अपने नाम को लेकर एक बड़ी चर्चा का विषय बन गए हैं।
    दरअसल खान सर ने 24 अप्रैल को यूट्यूब पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें वह फ्रांस और पाकिस्तान के बीच के संबंधों पर जानकारी दे रहे थे। इस वीडियो में वे बताते हैं कि पाकिस्तान में फ्रांस के राजदूत को देश से वापस भेजने के लिए विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं और इन विरोध प्रदर्शनों में छोटे–छोटे बच्चे भी भाग ले रहे हैं। खान सर इन बच्चों पर अपना कलम फेरते हुए बोलते हैं कि “ई रैली में ये बेचारा बचवा है। इसको क्या पता कि राजदूत क्या चीज होता है। मतलब इस विरोध प्रदर्शन को लेकर रैली में मौजूद पूरी तरह से अनजान है। लेकिन वह फ्रांस को राजदूत को बाहर ले जाएंगे। दरअसल इनको कुछ पता ही नहीं है। बाबू लोग, तुम लोग पढ़ लो। अब्बा के कहने पर मत आओ। अब्बा तो पंचर साट ही रहे हैं (माने बना ही रहे हैं)। ऐसा ही तुम लोग भी करेगा तो बड़ा होकर तुम लोग भी पंचर साटेगा। तो पंचर मत साटो वरना तुमको तो पता ही है कि कुछ नहीं होगा तो चौराहा पर बैठकर मीट काटेगा तुम। बकलोल कहीं के ..  
   बताइए, ये उमर है बच्चों को यहां पर लाने का?” “लेकिन क्या ही कीजिएगा? 18-19 पैदा होंगे तो किस काम में आएंगे? कोई बर्तन धोयेगा, कोई बकरी काटेगा, कोई पंचर बनाएगा।”
   इस वीडियो के अपलोड होते ही यह कंटेट वायरल हो गया, और अब इस मुद्दे पर देश भर से लोग कंमेंट कर रहे हैं। खान सर का पाकिस्तान की हकीकत बयां करता यह विडिओ ट्वीटर पर कुछ देशद्रोहियों द्वारा #reportonkhansir के नाम से ट्रेंड होने लगा।
   जानकारों का कहना है की सोशल मीडिया पर खान सर का पाकिस्तान की सच्चाई दिखाता यह विडिओ कुछ जिहादी मानसिकता वालों को चुभ सा गया। ट्वीटर और फेसबुक पर मानो फिर खान सर की कुछ वर्ग विशेष के लोगो ने एक भ्रम जाल बुनना शुरू कर दिया। 


खान सर बचाव में आए कुछ लोगो ने जानिए क्या कहा ?

साथ ही कुछ लोगों ने यह ट्वीट्स किया कि खान सर आंतक के खिलाफ है इसलिए वह इस तरह की बातें करते हैं।

    अब इन्हीं यूजर्स में से एक ने खान सर की पूरानी वीडियो निकाल कर ले आएं जिनमें वह कह रहे हैं कि “मेरा ‘खान सर’ नाम नहीं है। तुम लोगों को एक मिस्ट्री बताता हूं। हम जब पढ़ाने गए थे, तो हम टीचर ही नहीं थे। एक कोचिंग थी, जिसने कमाने के लिए लड़कों को तो रख लिया गया, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए टीचर ही नहीं थे। तो हमें बुलाया गया कि सर आइए, एक बार क्लास लीजिए। पहले दिन 6 लड़के थे। अगले दिन 40-50, उसके अगले दिन 150, अब उन सबको (कोचिंग वालों को) डर हो गया कि अगर ये मास्टर यहां से हट गया तो सब लड़के इसके पीछे चले जाएंगे। तो उन्होंने हमसे कहा कि न आपको अपना नाम बताना है, न ही मोबाइल नंबर। हमने कहा कि हमको क्या मतलब इन सबसे। हमने न किसी को नाम बताया, न मोबाइल नंबर। हम अपना नाम GS टीचर बता देते थे। बाद में उन लोगों ने ही एक नाम जुगाड़ दिया – खान सर। जबकि ऐसे लोग हमको अमित सिंह कहकर बुलाते हैं। हम इसीलिए कहते हैं कि आप हमको समझ सको, इतनी आपमें समझ नहीं।”

    खान सर को लेकर जो जानकारियां पब्लिक फोरम में उपलब्ध हैं, वो ये कहती हैं कि पूरा नाम फैज़ल खान है। गोरखपुर, UP में पैदा हुए। NDA में जाना चाहते थे। फ़िज़िकल क्लियर नहीं हुआ तो लोगों को पढ़ाने के लिए यूट्यूब चैनल शुरू किया, जो इनके पढ़ाने के अच्छे अंदाज और अच्छे रिसर्च के चलते जमकर हिट हुआ। फिलहाल पटना में रहते हैं। एक लंबी-चौड़ी टीम खान सर के वीडियो प्रोडक्शन और रिसर्च के लिए काम करती है।
    दी लल्लनटॉप डिजिटल न्यूज पोर्टल से बात करते हुए खान सर ने बताया कि उन्होंने बस उन बच्चों के लिए कहा था कि पढ़ाई लिखाई कर लो। नहीं पढ़ोगे तो कोई अच्छा काम नहीं कर पाओगे। इसी पर पंचर बनाने का उदाहरण दे दिया था। अब कोई पढ़ा-लिखा होगा तो भूखे तो मरेगा नहीं। इसमें यह कह देना कि इस्लाम धर्म को निशाना बनाया गया, यह बात सही नहीं है। खान सर ने बताया कि उन्होंने कभी भी हिंदू धर्म और इस्लाम धर्म को निशाना नहीं बनाया।

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