भूत-प्रेत में कितना यकीन करते है आप..?
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भूत-प्रेत में कितना यकीन करते है आप..?

मूत्र त्याग (पेशाब) करते समय किन बातों को ध्यान रखना चाहिए?
   वैसे तो हम आधुनिक युग में है जहां जीवित व्यक्ति की ही कोई कीमत नहीं है तो मरे हुए व्यक्तिओं को तवजों दिए जाने की बात ही बेमानी लगती है। कहते है कई आध्यात्मिक ग्रंथो में मानव को नश्वर तो आत्मा को अज़र अमर बताया गया है, जिसका आभास कई लोगो में अदृश्य शक्ति के रूप में भी देखा गया है। 
   कुछ जानकारों का कहना है की हमारे देश में ऐसी कई जगह है जहा भूत प्रेत से लोगो का आध्यात्मिक रूप से उपचार भी किया जाता है, जिसमे मध्य प्रदेश के हुसैन टेकरी से लेकर गुजरात के बालासिंदूर का नाम खासा प्रचलित है। ऐसी ही अनोखी जानकारी के तहत पता चला की भूत- प्रेत खुले में पेशाब करने वालों को अक्सर पकड़ लेते हैं, इस बात का हर किसी को विशेष ध्यान रखना चाहिए। 
    एक जानकारी में पाया गया कि कभी भी पीपल के पेड़ के आसपास अथवा किसी मजार आदि के पास पेशाब नहीं करना चाहिए। खुली जगह में भी पेशाब करने से पहले 3 बार ताली बजाना चाहिए और एक मंत्र है जिसमें कहा गया है कि यहां पर जो कोई भी भूत-प्रेत हो वह यहां से हट जाए मैं पेशाब करने जा रहा हूं। 
   चेतावनी देने के बाद उस जगह पर पेशाब करना चाहिए, तो भूत प्रेत नहीं पकड़ते हैं और कोई दोष नहीं होता है लेकिन बिना ताली बजाए अगर आप पेशाब करते हैं और संयोगवश वहां पर कोई भूत प्रेत हुआ, और यदि गलती से उसके ऊपर अथवा उसकी जगह पर पेशाब पड़ जाए तो वह नुकसानदायक है। सावधानी और सुरक्षा हेतु घर के बाहर होने पर अथवा रास्ते में होने पर जगह देखकर ही पेशाब करें। वैसे भी बड़े बुजुर्गों ने कहा है कि पेशाब ऐसे करना चाहिए कि दूसरों के ऊपर छींटे ना आए। हालाँकि इस जानकारी का मूल स्रोत धर्म-अध्यात्म-तंत्र जगत का ज्ञान है। 
खुले मे मूत्र त्याग (पेशाब) का मंत्र क्या है?
      "उत्तम धरती, मध्यम काया, हटो देवी देवता, तटी पेशाब आया" शास्त्रों और आध्यात्म में इसके बाद ही अनजानी और खुली जगह पर मूत्र त्याग (पेशाब) को करना उचित बताया गया है। 

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