धर्म ओर मातृभूमि को लेकर कोई समझौता ना हो - राजेंद्र सिंह आनंदपुरी
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धर्म ओर मातृभूमि को लेकर कोई समझौता ना हो - राजेंद्र सिंह आनंदपुरी

महाराणा प्रताप की प्रतिमा अनावरण के आयोजन को लेकर सर्व समाज की बैठक सम्पन्न हुई
   बांसवाड़ा/राजस्थान।। आगामी 19 दिसंबर को वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप की प्रतिमा अनावरण के भव्य समारोह के आयोजन के सम्बंध मे सर्व समाज की बैठक कालिका माता, बांसवाड़ा मे आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए वागड़ क्षत्रिय महासभा बांसवाड़ा के अध्यक्ष श्री राजेंद्र सिंह जी आनंदपुरी ने कहा कि यदि मातृभूमि की रक्षा, बलिदान व शौर्य की बात की जाये तो महाराणा प्रताप का नाम सर्वप्रथम आता है। वह महाराणा प्रताप ही थे जिन्होंने अपने शौर्य से मेवाड़ की भूमि को अकबर के आक्रमण से मुक्ति दिलाई। उन्होंने कहा कि बात हल्दीघाटी व इतिहास मे दर्ज दिवेर के युद्ध की करे तो देखेगे कि महाराणा प्रताप ही थे जिनके समक्ष छत्तीस हजार मुगलो की सेना ने समर्पण किया था। शिवाजी के प्रेरणा स्रोत भी महाराणा प्रताप ही थे, उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म पर गर्व करने से सम्बंधित इतिहास की कई बाते थी जिसे कुछ लोगो ने साजिशन हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था से ओझल कर दिया। आज हमे हमारे उपनिषद्, वेदो सहित मुख्य कई धर्म ग्रन्थो की जानकारी ही नही है।
      केरल व बंगाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज वहा हिनदूओ की आबादी पचास प्रतिशत तक ही रह गई है आज हिन्दू ओर हिन्दू धर्म के समक्ष उतना ही संकट है जितना उस समय महाराणा प्रताप के समक्ष था।
धर्म ओर मातृभूमि को लेकर कोई समझौता ना हो - राजेंद्र सिंह आनंदपुरी
   वागड क्षत्रिय महासभा बांसवाड़ा के अध्यक्ष श्री राजेंद्र सिंह जी आनंदपुरी ने कहा कि नेताओ को वोट चाहिए इसलिए उन्होंने हिन्दूओ को जातियो मे बांट दिया, इससे बचाव भी हमारा समाज ही कर सकता है, हमे धर्म ओर मातृभूमि को लेकर कोई समझौता ना हो, इसके लिए सर्व समाज को एक होकर दिखाना होगा।
   आपको बता दे कि वागड क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह जी आनंदपुरी राजस्थान के वह पहले व्यक्ति थे जिन्होने 1973 मे आईआईटी किया था। उन्होंने सर्वप्रथम 2015 मे अध्यक्ष पद पर चुने गए थे। आपके नेतृत्व मे ही 2016 मे पहली महाराणा प्रताप जयन्ती के अवसर पर शोभायात्रा निकाली गई।
पूर्व प्रतिमा को खण्डित करने वाले को भी किया याद
     इस अवसर राजेंद्र सिंह जी आनंदपुरी ने उस व्यक्ति को भी याद किया जिसने पूर्व मे स्थापित मूर्ति को खंडित किया था ओर कहा कि आज हम सब यहा एकत्रित हुए इसमे उस व्यक्ति का भी बड़ा योगदान है। उन्होंने प्रशंसा करते हुए कहा कि कालिका माता क्षेत्र से शोभायात्रा मे बीस प्रतिशत से भी अधिक जनमानस की हिस्सेदारी रहती है। उन्होंने सर्व समाज से आये व्यक्तियो से कहा कि सभी इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी को पीले चावल ओर पंपलेट का वितरण करे। उन्होंने अन्त मे कहा कि सर्व समाज को अपने परिवार एवं बच्चो सहित आना है, जिससे सभी हिन्दूओ के शौर्य के प्रतीक महाराणा प्रताप को हर कोई जान सके।
महाराणा प्रताप ने एकलिंग नाथ के दिवान के रूप मे अपना राज चलाया - जयगिरीराज सिंह
    इस अवसर पर जयगिरीराज सिंह जी ने अपने उद्बोधन मे कहा कि महाराणा प्रताप की अष्टधातु की प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बांसवाड़ा जिले के सर्व समाज मे प्रतिमा अनावरण को लेकर अपार उत्साह है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने एकलिंग ना थ के दिवान के रूप मे अपना राज चलाया ना कि राजा के रूप मे। उन्होंने कहा कि कक्षा छठी से दसवी तक के विद्यार्थीयो के लिए महाराणा प्रताप के जीवन परिचय से संबंधित निःशुल्क परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे दो लाख से अधिक विद्यार्थी सम्मिलित होगे। 
    इस अवसर पर पंच राजपूत समाज कालिका माता, बांसवाडा के पूर्व अध्यक्ष श्री नारायण सिंह जी तँवर ने कहा कि प्रातः स्मरणीय विरशिरोमणी महाराणा प्रताप की शोभायात्रा एक ड्रेस कोड व साफा पहनकर निकाली जाऐगी। पंच राजपूत समाज कालिका माता अध्यक्ष श्री बाबू सिंह जी तँवर, नारायण सिंह जी एवं शंकर सिंह द्वारा अतिथियो का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।
    मंच का संचालन उपाध्यक्ष श्री अजय राठौड़ द्वारा किया गया उन्होंने कहा कि यह सर्व समाज का दायित्व है कि इस समारोह को कैसे भव्य समारोह बनाया जावे। आभार सचिव पुष्पेंद्र सिंह तँवर द्वारा किया गया।
    संगठन मंत्री भूपेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इस अवसर पर राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना उदयपुर संभाग के अध्यक्ष श्री भोपाल सिंह जी सुंदनी, राजपाल सिंह, गौतम सिंह, देवेंद्र सिंह अखेराज का गडा, सहस्त्र औचित्य ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष श्री जयप्रकाश पंड्या, वेद समाज के सचिव श्री राजू भाई भाटिया, खांट समाज के अध्यक्ष श्री बलवंत आमलिया, वनेश्वर महादेव व्यायाम शाला के अध्यक्ष श्री इन्द्रजीत सिंह अहाडा सहित वैष्णव समाज, सेन समाज आदि के गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए।

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