मंत्री जी ने खोल दी घपलेबाज सरपंचों की पोल, सरपंच संघ ने भी खोल दिया मोर्चा
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मंत्री जी ने खोल दी घपलेबाज सरपंचों की पोल, सरपंच संघ ने भी खोल दिया मोर्चा

 सरपंच संघ को भी जाननी होगी हक़ीक़त, क्या सरपंच संघ भी है चोरो के साथ?
  जयपुर/बांसवाड़ा/राजस्थान।। राजस्थान सरकार के पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा के द्वारा हाल ही में मनरेगा में करोड़ों के भ्रष्टाचार को लेकर एक स्टेटमेंट आया था जिसके विरोध में राजस्थान के करीब 12 हजार सरपंचों ने मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आपको बता दे की मंत्री रमेश मीणा ने प्रदेश के 7 जिलो में मनरेगा की जांच में अनियमितता के लिए जांच कमेटी गठित की थी, जिसमें बाड़मेर, नागौर, डुंगरपुर, बांसवाड़ा, झालावाड़, बीकानेर व उदयपुर जिला भी शामिल हैं।  
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करोड़ों रूपये का दिखाया काम धरातल पर सब गायब 
  सूत्रों की माने तो उदयपुर में 150 करोड रूपये से 500 करोड रुपये तक की राशी का काम दिखाया गया है, जबकी हकीकत में इतना काम धरातल पर हुआ ही नहीं है। वही मंत्री जी की मानें तो मनरेगा में राजस्थान में बड़े पैमाने पर करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। दूसरी और मंत्री जी के इस बयान ने घपले बाज़ो, भ्रष्टाचारियों सहित सरपंचों व सरपंच संघ को खुलकर धरातलीय हक़ीक़त बताने वाले मंत्री जी के विरुद्ध ही आंदोलन करने के लिए मजबूर कर दिया है।  
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सरपंचों के घपलों को लेकर मंत्रीजी हो गए सख्त 
   जानकारी सानुसार शुक्रवार से जयपुर में सरपंच संघ के आव्हान पर राज्य के 12 हजार से अधिक सरपंच, पंच, उप सरपंच जयपुर में कुच कर चुके हैं। सरपंच संघ का कहना है कि उन्होंने 32 सुत्रीय मांगे कई बार सरकार के सामने रखीं, मगर सरकार टस से मस नहीं हुई ओर उनकी सरकार ने एक भी मांग पुरी नहीं की। संघ का कहना है की जब से रमेश मीणा मंत्री बनें है तब से आदेश निकालकर सरपंचों पर अनगर्ल आरोप लगाकर तानाशाही रवैए को अपनाएं हूए है। 
Sarpanch Sangh Gyapan
घोटाले के आरोप झूठे 
   राजस्थान सरपंच संघ प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गडवाल ने कहां की मंत्री ने घोटाले के आरोप लगाएं वो झुटे है। मनरेगा में सामग्री का 17 माह से भुगतान बकाया है, जबकी केन्द्र सरकार एक माह पुर्व ही 1900 करोड रुपए राजस्थान सरकार को जारी कर चुकी हैं। 
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करोड़ों का हो गया खेला मौके पर नहीं मिला कोई ढेला 
   इघर मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि जिस काम का पैसा दिया गया श्रमिकों को वो काम तो धरातल पर हुआ ही नहीं है। मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि सर्वाधिक अनियमितताए नागौर व बाड़मेर में मिलीं बाड़मेर में 519 करोड रुपये, नागौर में 354 करोड रुपये के काम कराएं गए लेकिन जाँच में मोके पर ये काम ही नहीं मिले। बता दे की सरपंच संघ ने 21 मार्च 2022 में मंत्री रमेश मीणा से समझोता किया था। बार-बार संघ ने सरकार को समझोते की बात याद दिलाई तो सरकार व मंत्री के कानों जू तक नही रेंगी। 
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आंदोलन किया जाएगा तेज 
   इधर सरपंच संघ ने ऐलान किया है कि सरकार व मंत्री ने मांगे नहीं मानी तो आंदोलन तेज किया जाएगा। अब देखना यह होगा कि सरकार सरपंचों की बात मानती है या नहीं, मगर संघ जोरजबरजस्ती से मंत्री जी के इस्तीफे की मांग जरूर कर रहा है। 
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स्टोरी अभी बाकी है मेरे दोस्त .. देखिये कैसे किया जाता है मनरेगा में घपला? 
नरेगा कार्यों में भ्रष्टाचार के खिलाफ, अब हो गई बीटीपी की एंट्री
घपलो के खेल में अचानक साइलेंट पिक्चर वायलेंट हो गई
न्यूज़ टुडे टाइम के खबर का असर चार मेट हुए ब्लेक लिस्टेड
ग्राम विकास अधिकारी को 17 CC का नोटिस जारी 
सरपंच के विरुद्ध धारा 38 के तहत हुई कार्रवाई
भारतीय ट्रायबल पार्टी ने नरेगा में गड़बड़ी को लेकर प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप
   चोरी छुपे रोज महानरेगा के पैसों में हेरफेर करने में मजा आ रहा था लेकिन उन्हें पता नहीं था कि यही मज़ा एक दिन सज़ा में तब्दील हो जाएगा। जी हां आपने अभी तक ज़िंदा लोगो के नाम पर हेर-फेर कर सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार होते हुए देखा होगा लेकिन राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की कुशलगढ़ तहसील में मरे हुए दिवंगत दिवात्माओं के नाम पर भी उन्हें सरकारी रिकॉर्ड में ज़िंदा दिखाकर कुछ सरकारी मुलाज़िमों ने कई वर्षो से करोड़ों का गबन कर बड़ा खेल कर दिया है। राजस्थान के जनजाति क्षेत्रों में हालत ऐसे है जहाँ ना कोतो ई देखने वाला है और ना ही कोई कहने वाले जिस सरकारी मुलाज़िम का जहा दाव लगता है वही वो सीना ठोक कर सरेआम घपले कर रहा है। घपला भी एक दो महीने चला हो तो समझ में आता है, लेकिन यह तो 5 सालों से चलने वाला घपला है। कुशलगढ़ तहसील की बस्सी पंचायत के कुछ कारिंदे तो इतने शातिर निकले की 2018 से आज तक लगातार यानि पुरे पांच साल तक महानरेगा में घपले कर उन्होंने अपनी मौज कर दी है।
मरे हुए एक व्यक्ति को जिंदा बताकर नरेगा में उठाया भुगतान  
पहले दबा के खाया.. अब जेल जाने की आ गई नौबत
   कारिंदों की शातिरता देखिये 12 फरवरी 2018 में मरे हुए एक व्यक्ति को जिंदा बताकर उसे नरेगा में काम पर लगा कर उसके नाम पर भुगतान उठाते रहे, लेकिन जिम्मेदार भी बेपरवाह बने रहे आखिर हिस्सेदारी तो उनकी भी होगी तभी तो जांच के नाम पर ख़ामोशी छाई रही है। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत बस्सी के इस मामले में महानरेगा तथा आवास कार्य में श्रमिकों में हुए इस फर्जीवाडे को लेकर जिला कलेक्टर बांसवाड़ा व कुशलगढ़ तहसीलदार को सबुतो के साथ ज्ञापन सोपा। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भले ही अपने आदर्शों और सत्यनिष्ठा को लेकर भ्रष्टाचार को खत्म करने का का दावा टीवी पर बढ़ चढ़ कर देशभर में ठोक रहे हो वही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अपने राज्य में भ्रष्टाचार नही होने का राग अलापते रहे हो पर भ्रष्टाचार करने वाले बेरोक-टोक भ्रष्टाचार कर अपना उल्लू साध रहे हैं। लेकिन भ्रष्टाचारियों की कार गुजारिया एक ना एक दिन सबके सामने आ ही जाती है। जी हां आज हम कुछ ऐसे ही भ्रष्टाचार की परतों को खोलते हुए आपको राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के सुदरवर्ती खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बस्सी में हुएं गड़बड़ झाले की ओर लेकर चलते है। इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुखर हुए ग्रामीणों की सजगता केंद्र सरकार, राज्य सरकार व प्रशासन का ध्यान इस और आकर्षित करवाने की हैं।
जिला कलेक्टर व तहसीलदार को ग्रामीणों ने सबुतो के साथ दिया ज्ञापन  
    चुकी यह मामला करोड़ों की घपले बाजी के चलते बहुत गंभीर बना हुआ है वही जानकारों का कहना है की इस घपले में शामिल एक व्यक्ति राजनीतिक दल भाजपा के छोटी सरवा ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष की पत्नी जो सरपंच है, उन्हीं की बस्सी ग्राम पंचायत का यह सनसनीखेज मामला है। बस्सी ग्राम पंचायत के बईडा के ही गोतमलाल, हिरालाल, दिनेश, राकेश, बाबु, कोंदर, कमलेश, शंभू सहित कई लोगों ने सबुतो के साथ जिला कलेक्टर बांसवाड़ा व कुशलगढ़ तहसीलदार को एक लिखित ज्ञापन सोप कर जांच की मांग की है। ग्रामीणों ने मिडिया तथा अधिकारियों को बताया की ग्राम पंचायत बस्सी में महानरेंगा तथा आवास के कार्यों में श्रमिकों के फर्जी मस्ट्रोल भर कर व एक से अधिक जाब कार्ड बनाकर फर्जीवाडा किया जा रहा है। 
कहना पड़ेगा इन्होने तो घपलों में ही मौज कर दी! 
     ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं में पद पर आसीन नेता नोटों की गड्डी को देख मुक दर्शक हो कर सोते रहे वहीं उनकी पंचायत में यह भ्रष्टाचार की अमर बेल भी बढ़ती चली गई तो उधर नेताओ और जिम्मेदार अधिकारीयों को इस बात का पता ही नहीं चला। 
    ग्रामीणों ने ज्ञापन में फर्जी तरीके से हुए काम, पेमेंट किस एकाउंट में गया, किसने पेमेंट उठाया? आदि की जांच की मांग की है। ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया की जाब कार्ड संख्या 794, 1255, 577, 1848, 1001, 932, 1449, 576, 1441, 408, 1799, 448, 1452, 1747, 1451, 1849, 578, 1776, 1634, 1795, 1827, 1829, 139, 1263, 1256, 150, 1850, 1790, 1558, 1453, 408, 1846, 1312, 1530 आदि के जॉब कार्ड फर्जी तरीके से बनानें की बात ज्ञापन में लिखी गई है। ज्ञापन में यह भी आरोप सबुतो के साथ लगाया गया है की जब राजु पुत्र तेहरिंग सिंगाड की मृत्यु 12 फरवरी 2018 को यानी आज से चार साल पहले ही हो गई थी, जिसका मुत्यु प्रमाण पत्र भी ज्ञापन में संलग्न किया गया है तो फिर चार साल पहले मरे हुए व्यक्ति का नाम महानरेगा में कैसे जुडा? आपको बता दे की मृतक राजु सिगांड का जॉब कार्ड संख्या 1001 भी दर्शाई गई है। 
    कई जॉब कार्ड के हालत ऐसे है जिसमे जॉब कार्ड धारक का नाम अनवर यानि की मुस्लिम है और नीचे दिए गए परिवार के सभी सदस्यों के नाम हिन्दुओ के बताए गए है, जबकि अनवर खुद 18 वर्ष का बताया जा रहा है और जॉब कार्ड में पत्नी की उम्र 40 वर्ष की बताई जा रही है वही उसके बच्चो की उम्र खुद अनवर से भी ज्यादा दिखाई गई है, मतलब आप समझ सकते है कि मस्टरोल बनाने वाले ने ठर्रा पी कर अपनी मर्जी से ही कुछ भी टेक दिया है। ऐसे हालत बांसवाड़ा में ही नहीं अपितु पुरे राज्य में बताए जा रहे है। सभी जानते है की कांग्रेस की खाओं खिलाओं की निति है, इसलिए घपले तो उनकी पसंदीदा रेसिपी हो चली है नहीं तो जब सब कुछ ऑनलाइन है तो सालों तक घपले दबे कैसे रहे?    
    बईडा क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र सरकार व राज्य सरकार गरीबों के लिए योजना बनाती है लेकिन चंद स्वार्थी लोग राजनीतिक पार्टियों में पद पाकर अपना उल्लू साध कर अपनी तिजोरियां भर भाजपा जैसी राष्ट्रवाद के नाम पर दिन रात अपनी छाती कूटने वाली पार्टी को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि जिला कलेक्टर व तहसीलदार इस ज्ञापन पर क्या कार्रवाई करतें हैं? वही राजस्थान में भाजपा के पहले से ही खस्ता हो चुके हालतो में क्या एसे भ्रष्टाचारी पर बीजेपी कोई एक्शन ले पाएगी? यह तों वक्त ही बताएगा कि इस पुरे सिस्टम में हुए गड़बड़ झाले में कौन-कौन लिप्त हैं? उन सभी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ क्या सरकार व प्रशासनिक अमला कार्यवाही करेगा या उन्हें बचाने में सब एक हो जायेगे? वहीं ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला बहुत ही गंभीर है यदि सरकार व प्रशासन ने इस सम्बन्ध में जांच कर दोषियों को कड़ी सजा नहीं दिलाईं तो मामला अदालत व एसीबी तक पहुंचाया जाएगा!
खबर का असर चार मेट ब्लेक लिस्टेड, ग्राम विकास अधिकारी को 17 CC का नोटिस जारी 
   टीएसपी क्षेत्र बांसवाड़ा में कुशलगढ़ पंचायत समिति के महानरेगा में हुए भ्रष्टाचार को न्यूज टुडे टाइम में प्रमुखता से प्रकाशित करने पर का इन घपलो का शोर ठेठ दिल्ली तक जब गूंजा तो जिले के कुशलगढ़ पंचायत समिति के विकास अधिकारी भरत कुमार ने भ्रष्टों के खिलाफ जांच कर कई चोरो के कारनामे बेनकाब कर दिए।आपको बता दे की न्यूज टुडे टाइम ने इस सम्बन्ध में तहकीकात कर खबर चलाई थी, जिस पर प्रशासनिक जांच के दौरान हुए भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर चार मेट ब्लेक लिस्टेड किये गए है। वही क्षेत्र के जागरुक युवाओं ने इसे अपनी जीत बताकर सरकार एवं प्रशासन की त्वरित कार्रवाई को लेकर सराहना की है। 
   केन्द्र सरकार ने जब महात्मा गांधी नरेगा योजना चलाई थी देश के प्रधानमंत्री ने सोचा भी नहीं होगा कि गरिबों की इस योजना में भ्रष्टाचार की बेल पर कुकुर मुत्ते की तरह भ्रष्टाचार होगा ओर राजनीतिक दलो की आड़ में पद पर कुंडली जमाए कुछ लोग भ्रष्टाचार करेंगे। अमूमन देखने में आया है की सरकार कांग्रेस की हों या भाजपा की कुछ लोग पद पाकर सिर्फ अपना उल्लू साधने में लग जाते है। उनकी यही क्षणिक लाभ के मनसूबो से सरकार तो जहा बदनाम होती ही है वही ऐसे लोगो गुप्त तरीको से अपनी तिजोरियां भरने में लगे रहते हैं। 
    भ्रष्टाचार में आए बण्डल भर के नोटो की चाशनी में उनके आला नेता भी आंखों में पट्टी बांध कर चुपचाप तमाशा देखकर मौन रहते हैं। इसी वजह से ज़हां भ्रष्टाचार होता है वहा हमारी कलम सच्चाई लिखने में पिछे नहीं हटती है।आपको बताते चले की राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बस्सी के गांव बईडा में हुए भ्रष्टाचार पर हमने अपनी कलम से सरकार, प्रशासन को अवगत कराया हैं। वही क्षेत्र के जागरुक युवाओं ने बस्सी पंचायत में हुऐ भ्रष्टाचार को लेकर बांसवाड़ा जिला कलेक्टर बांसवाड़ा एवं कुशलगढ़ तहसीलदार को एक शिकायत सबुतो के साथ ज्ञापन सौंपा जिसमें जिस पर जांच कुशलगढ़ पंचायत समिति के विकास अधिकारी भरत कुमार को सोपी गई थी। 
सरपंच के विरुद्ध धारा 38 के तहत की जाएगी कार्रवाई
   जानकारी अनुसार क्षेत्र में भ्रष्टाचार को लेकर जांच अधिकारी भरत कुमार ने पुरी ईमानदारी से जांच कर चार मेटो को ब्लेक लिस्टेड किया है जिसमें रालुसिंह, अरविन्द, कमलेश व एतु नामक मेटो को ब्लेक लिस्टेड किया गया है वहीं साथ ही ग्राम विकास अधिकारी पवन त्रिवेदी को 17 CC का नोटिस भी दिया गया है। वहीं डाटा इंट्री ऑपरेटर ईश्वर लाल लबाना को सेवा समाप्ति के आदेश पर मुहर लगाई गई है। वहीं सरपंच श्रीमती संगीता राकेश वडखिया के विरुद्ध धारा 38 के तहत कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को लिखा गया है। 
भारतीय ट्रायबल पार्टी ने दिया मुख्यमंत्री के ज्ञापन 
   बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बस्सी पंचायत में फ़र्ज़ी जॉब कार्ड बनाकर नरेगा कार्यों के मस्टरोल भरे जाने एवं मृत व्यक्तियों को जीवित बताकर पंचायत प्रतिनिधि एवं पंचायत कार्मिकों के द्वारा नरेगा कार्यों के मस्टरोल कई वर्षों तक भरे जाने तथा नरेगा कार्यों में हेराफेरी कर सरकार को लाखों रुपयों की हानि पहुँचाने को लेकर बस्सी पंचायत के ग्रामीणों द्वारा भारतीय ट्रायबल पार्टी के छोटी सरवा मंडल अध्यक्ष जगदीश डिंडोर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम मय साक्ष्य दस्तावेज़ के एक ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी कुशलगढ़ को दिया गया। 
नरेगा में गड़बड़ी को लेकर प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप 
     क्षेत्र इकाई के बीटीपी कार्यकर्ताओं ने नरेगा कार्यों में बड़े लेवल की गड़बड़ी के बाद भी प्रशासन द्वारा उसे गंभीरता से ना लेने का आरोप भी लगाया गया है। बीटीपी ने आरोप लगाते हुए कहा की पुरे जिले में नरेगा कार्यों में भ्रष्टाचार जोरो पर हो रहा है, इससे गरीब आदिवासी मजदूर का हक़ मारा जा रहा है। 
    ज्ञापन में बीटीपी कार्यकर्ताओं ने नरेगा कार्यों में मज़दूरों की ऑनलाईन हाज़री की व्यवस्था में भी परिवर्तन कर उसे ऑफलाइन करने की मांग की गई है।   
     कार्यकर्ताओं का कहना है कि पंचायतों में पक्के भवनों के निर्माण में भी घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। ज्ञापन में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं सम्बंधित कार्मिकों की मिलीभगत के कारण पंचायत समिति के सम्बंधित अधिकारी ने आज तक किसी भी निर्माणाधीन पंचायत भवन पर जाकर मौका मुआयना तक नहीं किया है, जिससे भ्रष्टाचार के चलते आम जनता शोषण का शिकार हो रही है।
    मौके पर ज्ञापन देने वालों में बीटीपी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य विजय भाई मईड़ा, जिला अध्यक्ष यक्ष देवचंद मावी, तहसील अध्यक्ष महेश बारीया, मंडल उपाध्यक्ष खातु भाई, कालू सींग वड़खिया, संगठन मंत्री कालू सींग चारेल, विकेश भाभर एवं ब्लॉक उपाध्यक्ष बाबूलाल मावी, बालसिंग मावी, बसुदेव मावी, नारायण निनामा, सुरेश देवदा, तेरसिंग वसुनिया, विष्णु निनामा, देवचंद मावी, नारायण सिंगाड़, कांतिलाल आड़, नारायण भाभोर आदि मौजूद रहे।        

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