अखिल राजस्थान अनुसूचित जाति-जनजाति छात्र संगठन का किया गया विस्तार
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अखिल राजस्थान अनुसूचित जाति-जनजाति छात्र संगठन का किया गया विस्तार

  
  बांसवाड़ा/राजस्थान।। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ में अखिल राजस्थान अनुसूचित जाति-जनजाति छात्र संगठन के बैनर तले आज जिला अध्यक्ष प्रकाश बामणिया, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मनोज डामोर के नेतृत्व में  घाटा क्षेत्र कुशलगढ में एक विशाल मीटिंग का आयोजन किया गया। 
  प्रकाश बामणिया ने बताया की आगामी छात्र संघ चुनाव को लेकर यह बैठक आयोजित कर चर्चा की गई है। जानकारी अनुसार बैठक में पूर्व पंचायत समिति सदस्य भैरव लाल डामोर, छात्र संघ उपाध्यक्ष कांतिलाल निनामा, वरिष्ठ छात्र नेता विजय लाल बामणिया, पूर्व संयुक्त सचिव तोलसिंग अड़, कैलाश निहर्ता, राहुल डामोर, ईश्वर लाल डामोर, राकेश कटारा, दिलीप निनामा व तमाम छात्र संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे। 
  वही मीटिंग में कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए कुशलगढ़ तहसील उपाध्यक्ष सतीश मुनिया, तहसील महासचिव शंभू सिंह डाबी बनाया गया है। 
नगर से लेकर ग्राम पंचायतों में चल रहा गरीबों को ठगने का गोरख धंधा
   जनजाति जिला बांसवाड़ा में ईमित्र संचालकों को पौबारह हो चुके है। काम कोई भी हो सीना ठोक कर अनशन वसूल अब आम बात हो चुकी है वही कई ग्रामीणों का कहना है की जब हर चीज का शुल्क निर्धारत है तो आखिर ईमित्र संचालकों को किसने लूट की छुट दे रखी है। ई-मित्र संचालकों द्वारा कुशलगढ़ नगर से लेकर ग्राम पंचायतों में चल रहा है गरीबों को ठगने का गोरख धंधा। वही बेंको के शाखा प्रबंधक भी ईमित्र संचालकों की खुली लूट पर मौन बने हुए है। 
क्यों नहीं लगाते ई मित्रों पर लिस्ट?
 कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार और लूट का खेल खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। चाहे राजनीतिक दल हों या नोकरशाही सब के सब चुपचाप तमाशा देखने में मशगूल है। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ नगर सहित अन्य ग्राम पंचायतों में दिमक की तरह फेले ई-मित्र सेंटर को नियामानुसार अपनी पंचायतों में रहकर ही काम करना चाहिए, लेकिन ये ई-मित्र वाले कुशलगढ़ नगर तथा पंचायतों में कुंडली मार कर बैठे है। इनको रोकने-टोकने वाला कोई नहीं। वहीं कुछ जागरूक लोगों ने बताया की वह इस लूट को रोकने के लिए आए दिन ज्ञापन देते रहते है लेकिन इसका कोई फायदा नहीं निकला अब न्यायालय में ही जन हित याचिका दायर कर इन ई-मित्रों को कमीशन खाकर अभयदान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए न्यायालय में याचिका दाखिल की जाएगी ताकी गरीबों के साथ अन्याय व शोषण ना हों सके। 

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