सरकार ने झूठ बोलकर लूट लिया
जर्जर हालात पर पहुंचे बीटीपी पदाधिकारी
बांसवाड़ा/राजस्थान।। राजस्थान के बांसवाडा जिले के कुशलगढ उपख़़ड के खेडा धरती घाटा क्षेत्र मे सरकारी स्कूल भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहाते नजर आ रहे है, जहा सरकार प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालय तक की शिक्षा सर्व संसाधन युक्त देने के दावे कर रही है, वही स्कूल भवन सहित संसाधन नही होने से जनजाति क्षेत्र के बालक-बालिकाओ की जान अब जोखिम मे होने के साथ ही स्कूलों मे स्कूल भवन सहित संसाधनो की मुख्य आवश्यकता की मांग अब शोर मचाने लगी है। मामला कुशलगढ क्षेत्र के जनजाति बाहुल्य क्षेत्र सातलिया पंचायत के रा.उ.प्रा.वि. आमलीपाडा का है,जहा कक्षा एक से आठ तक कुल 256 बालक-बालिकाए अध्ययरत होकर कुल नौ का स्टाफ है। जहा मात्र दो कमरो मे पढने वाले छात्र-छात्राए मजबूर होकर अपनी किस्मत का रोना रोते हुए ना चाहते हुए भी परेशानी का सामना कर रहे है। जानकारी मे यह सामने आया है, कि यहा स्कूल खुलने के बाद जो पुराना भवन है उसी मे छात्र-छात्राए बैठकर पढने मजबूर है।
वही मौके पर पुराने भवन सहित कुल नौ कक्षा-कक्ष है, जिसमे सर्व शिक्षा अभियान सहित अन्य मद से बने भवन अब गिरने की कगार पर है। जहा कभी भी बडा हादसा होने के आसार है। हाल ही में कुछ दिनों पूर्व पाटन क्षेत्र के कदवाली मे जहा भवन गिरने के साथ कोई अनहोनी नही हुई थी, वही क्षेत्र मे ग्रामीणो की सूचना पर भारतीय ट्रायबल पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा, राष्ट्रीय अध्यक्ष छोटू भाई वसावा के दिशा निर्देशन मे मौके पर पहुंचे। जहा भवन का निरीक्षण कर वर्तमान कांग्रेस सरकार सहित भाजपा के नेताओ पर आरोप लगाते हुए वह जमकर बरसे। मईडा ने कहा कि जनता के टैक्स के पैसे शिक्षा मे काम नही आ रहे वही सता रुढ शासन प्रशासन के अलावा पूर्व भाजपा की सरकार डेमेज स्कूल भवन के लिए जिम्मेदार है। इस दोरान बीटीपी के राजु भाई, एस.एम.सी. सदस्य भीमा भाई सहित कई ग्रामीणजन भी मौके पर मौजूद रहे।
बताते चले कि राजस्थान के जनजातिय क्षेत्र बांसवाड़ा में जनजातिय वर्ग को हमारी सरकारी जानबूझर शैक्षिक दृष्टी से कितना उपेक्षित और शोषित रखना चाहती है, इसकी बानगी आप इस जिले के सरकारी स्कूलो को देख कर समझ सकते है। आजादी के 75 वर्षो के बित जाने के बाद भी यह बडे शर्म की बात है, एक समय मे विश्व गुरू रह चुके हमाने देश को आज आधारभूत विषयो जैसे शिक्षा, स्वस्वास्थ्य और रोजगार के लिये सरकार की कुनितियो का शिकार होना पड़ रहा है। चुनाव से पहले जीतने वाले नेता बड़े-बडे वादे करके गायब हो जाते है, वही जनता को वह एक किलो राशन दिलवाकर समझते है कि इससे ही जनता की शैक्षिक, स्वास्थ्य और रोजगार की गुणवत्ता और गारंटी पूरी तरह से हासिल हो जायेगी, जबकि स्थितिया आज बिल्कुल विपरित हो चुकी है।
अब जनता जाग चुकि है वह अपने टैक्स के पैसो का सरकार से हिसाब मांग रही है। सरकार क्यों जनता को अच्छी शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार नही दे पा रहीं है, क्योकि सरकार खुद चोर है, वह जनता के टैक्स के पैसो पर ऐश कर रहीं है। वह अच्छी शिक्षा इसलिये नहीं देना चाहती क्योंकि शिक्षा सवाल पैदा करती है, सरकार हमें आर्थिक रूप से गुलाम बनाना चाहती क्योंकि जब गरीब बच्चें अच्छे पढ जायेगे तो वह फिर रोजगार मांगेगे, लेकिन सरकार तो कही खुद कमाने जाती नहीं बल्कि वह तो हम गरीबो के मेहनत के टैक्स के पैसो पर फोकट मे ही ऐश कर रहीं है।
इस बात को हकीकत मे तब्दील करने के लिये हम आज आपको जिले में स्थित आमलीपाड़ा स्कूल ले चलते है, जहां कि सच्चाई आपको हिला कर रख देगी। राजस्थान के बांसवाड़ा में आमलीपाड़ा मिडील स्कूल में शिक्षा के हालात कुछ ऐसे है कि यहा दो कक्षा-कक्ष है, जिसमे 256 बच्चे पढ़ने को आज मजबुर है।
वही मौके पर हालात देखे तो आमली पाडा स्कूल में बने 9 मे से 7 कमरे ऐसे हो चुके है कि कहीं वह बच्चों की जान के दुश्मन ना बन जाएं। वही हमारे देश को ट, ठ, ड नेता चला रहे है, जिन्हे अपना भाषण भी टेलीप्रॉम्प्टर पर देख कर बोलना पड़ता है, वही महामहिम मोदी जी ने तो खुद ही सार्वजनिक रूप से ही अपने कई भाषण में कह भी दिया है कि उनकी कोई ज्यादा पढ़ाई नहीं हुई है।
वही कांग्रेस और भाजपा के कई ढपोड़शंख नेता अपनी 10 तक की शिक्षा भी पूरी नहीं कर पाए है, उन्हें इस बात का अच्छी तरह से इल्म है कि वह अपनी पहुंच और रूतबे, पैसो से अपने और अपने बच्चों के लिये फर्जी डिग्री ले आयेगे और उनके बच्चे सीधे ही आईएएस, आरएएस बन जायेंगे आपको पता ही है ना एक ही अटेम्प में कैसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी सीधे आईएएस बन गई और वही गोविन्द सिंह डोटासरा ने तो अपने पुरे परिवार की ही बेटा, बहु ओर बेटी, दामाद ना जाने किस-किस को सीधे ही एक चांस मे आरएएस बनवा दिया। वही अशोक गहलोत का बेटा भी राजस्थान मे आरसीए की तो अमित शाह का बेटा सीधे ही बीसीसीआई को संभाल कर करोडो रूपये छाप रहें है।
आप सोचो की सिवाए इस सरकार की लूट-खसोट के हमको आज तक क्या मिला? हमे अब जागना होगा और अपने अधिकारों को इस सरकार से छिन कर लेना होगा और दृढ निश्चय करना होगा की जो हमारा नहीं वह अब हम किसी का होने भी नहीं देंगे और हम हमारे अधिकारों की रक्षा इस चोर सरकारों से करेंगे। आप जानते ही है की हमारी सरकार ने शिक्षा के लिए स्कूलों को क्रमोन्नत तो कर दिया, लेकिन वहां स्टाफ और इंफ्रास्ट्रक्चर के कही कोई ठिकाने नहीं है। हालात इतने दयनीय हो चुके है कि अब अभिभावको ने भी कई बार सरकार के दरवाज़े खटखटाए लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
हकीकत के लिए राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ उपखंड क्षेत्र के खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सातलिया के आमलीपाडा में स्थित स्कूल को आप देख सकते हैं, आमलीपाडा स्कूल पहले प्राइमरी स्कूल थी, सरकार ने स्कूल को क्रमोन्नत कर आठवीं तक पढ़ाने की स्वीकृति दे दी जोड़ तोड़ से किये गए स्टाफ के भरोसे इस स्कूल में 256 बच्चे और कमरें सिर्फ 2 है।
बाकी सात कमरों पर नजर डालें तों इन कमरों की बत से बत्तर व भंगार के कगार इसकी ईमारत आ चुकी पर है। वही दरवाज़े खिड़कियां, दिवारो में दरारें, छत गिरने जैसी, फर्श जगह-जगह से उखड़ा हुआ, आरसीसी के सलिये भी सढ चुके है ओर छत का प्लास्टर उखड़ा हुआ है।
इस स्कूल की चार दिवारी भी जगह-जगह से टुटी हुईं है, भोजन कक्ष की छत के टिन ही नहीं बल्कि शौचालय व पैशाब घर भी पूरी तरह से जर्जर हो चुके है। वही डर के मारे अब स्कूल स्टाफ बच्चों को इन कमरों में नहीं बैठाता लेकिन भुले से भी कोई इन कमरों के नीचे खड़ा भी रहने से घबराता है कि पता नहीं वह कब गिर जाए। यह मर चुकी सरकार व शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही को दर्शाता है। वहीं इस स्कूल में पीने के पानी का भी अभाव है, मगर बड़ा सवाल यह है कि इस स्कूल की समस्या पर आखिर ध्यान क्यों नहीं दिया गया, झोली भर-भर कर वोट देने वाली जनता की तपस्या में आखिर कहा कमी रह गई?
वहीं भारतीय ट्रायबल पार्टी बिटीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा अपनी टीम को लेकर क्षेत्र में पंहुचे ज़हां आमली पाडा मिडील स्कुल के बारे में जानकारी मिलने पर स्कूल पर पंहुच कर सरकार और विभाग को आड़े हाथो लिया देखिये क्या कहा मईड़ा ने?