29 वर्ष पहले गणेश महोत्स्व पर गणेश प्रतिमाए की गई थी वितरित, आज घर-घर विराजे गजानंद

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एक हजार से अधिक गणेश प्रतिमाओ का धूमधाम से होगा विसर्जन 
  बांसवाडा/राजस्थान।। राजस्थान के जनजाति क्षेत्र बांसवाड़ा के कुशलगढ मे 28 वर्ष पहले प्रारंभ हुआ गणेश उत्सव आज परवान पर जा पहुंचा है। आज नगर सहित गांव-गांव, यहाँ तक की छोटी से छोटी ढाणी में भी गणेश जी की स्थापना हर हर वर्ष होने लगी है, जिसमे गणेश महोत्स्व के दौरान भक्ति भाव के साथ दस दिवसीय पूजा अर्चना का कार्यक्रम भी आयोजित होता है।  
गणेश उत्सव के 29 साल पूरे होने आए
   बांसवाडा जिले का एमपी गुजरात से लगता हुआ जनजाति बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र कुशलगढ जहा दो पंचायत समितियां कुशलगढ और सज्जनगढ सम्मिलित है। इस विधानसभा क्षेत्र मे 499 के करीब राजस्व गांव और इतने ही ढाणी फलिये और मजरे है। जहा इन दिनो दस दिवसीय गणेश उत्सव की धूम मची हुई है, ऐसे मे कुशलगढ मे गणेश स्थापना के इस वर्ष करीब 29 साल भी पूरे होने को आए है। बता दे की वनवासी कल्याण परिषद मोर आश्रम कुशलगढ की और से वर्ष 1994 में प्रथम बार वनवासी कल्याण परिषद के द्वारा 51 गणेश प्रतिमाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण कर दस दिवसीय गणेश उत्सव का श्रीगणेश किया गया था। इस दौरान वनवासी कल्याण परिषद के गुणवंत सिंह कोठारी व स्थानीय कल्याण परिषद के कार्यकर्ताओ की भूमिका अहम रही थी। आज इसी का परिणाम है, कि परिषद द्वारा अब गणेश प्रतिमाओ का अब क्षेत्र में वितरण बंद करने के बाद भी आज 29 साल के उपरांत विध्न हरण मंगल करण गणेश उत्सव को लेकर कस्बो सहित ग्रामीण क्षेत्र मे सनातन धर्म की इतनी जनजाग्रति आ चुकी है, कि पूरे विधानसभा क्षेत्र मे शहर के साथ गांव-गांव में लोगो द्वारा गणेश मंडल तैयार कर गणेश प्रतिमाओ की स्थापना के साथ दस दिवसीय महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। 
घर-घर गणेश प्रतिमाओ की स्थापना
  लोगो द्वारा पूरे क्षेत्र मे घर-घर गणेश प्रतिमा की स्थापना की गई है और विधिवत पूजा भी होने लगी है। जानकारों का कहना है कि कुशलगढ क्षेत्र मे एक हजार के करीब छोटी-बडी गणेश प्रतिमाओ का अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन होगा। यहा वनवासी कल्याण परिषद से जुडे कुशलगढ के समीपवर्ती निश्नावट गांव निवासी कालुसि़ह देवदा के अनुसार वर्ष 1994 मे वनवासी कल्याण परिषद की ओर से 51 गणेश प्रतिमाओ का वितरण किया गया था। तब उनके गांव को भी एक प्रतिमा मिली थी, आज इस छोटे से गांव में ही एक दर्जन से अधिक गणेश प्रतिमाए स्थापित की गई है। क्षेत्र मे सबसे बडा कार्यक्रम कुशलगढ मे वनवासी कल्याण परिषद द्वारा धर्म सभा के साथ बावलियाखाल मे मूर्ति विसर्जन का किया जाता है। वही बाकी पूरे क्षेत्र के नदी तालाबो पर शासन-प्रशासन, पुलिस की देखरेख मे मूर्तियो का विसर्जन तक़रीबन पचास से अधिक स्थानो पर होता है। 

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