हिन्दू राजाओं और राजकुमारों की दीवानी मुस्लिम शहजादीयाँ

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  इतिहास में ऐसे कई घटनाक्रम और कहानिया दफ़न है, जिन्हे वामपंथी विचारधारा द्वारा अपने राजनैतिक हित के चलते कभी सामने नहीं लाया गया। इतिहास में दर्ज ऐसी ही घटनाओ से आज हम आपको रूबरू करवाएंगे। जी हां दोस्तों आज तक आपने भांड बॉलीवुड की मुग़ल प्रेमी मनगढंत जोधा अकबर की बनावटी तोड़ मरोड़ कर परोसे गए इतिहास को ही सच माना होगा, लेकिन आज हम आपको उन प्रेम कहानियों से रूबरू करेंगे जिसमे कई मुस्लिम शहज़ादियों राजपूत राजाओं और राजकुमारों की दीवानी थी। मुग़ल ख़तनाछापों से भयभीत होने के कारण इस पर आज तक किसी भी भांड बॉलीवुड वालो ने फिल्म बनाने की हिम्मत नहीं की।      
1. अल्लाउदीन खिलजी की बेटी "फिरोजा
  फ़िरोज़ा जालोर के राजकुमार विरमदेव की दीवानी थी वीरमदेव की युद्ध मै वीरगति प्राप्त होने पर फिरोजा सती हो गयी थी। 
2. औरंगजेब की एक बेटी "ज़ेबुनिशा" 
 ज़ेबुनिशा कुँवर छत्रसाल के पीछे दीवानी थी ओर प्रेम पत्र लिखा करती थी ओर छत्रसाल के अलावा किसी ओर से शादी करने से उसने इंकार कर दिया था। 
3. मोहम्मद अकबर की बेटी "सफियत्नीशा"
 औरंगजेब की पोती ओर मोहम्मद अकबर की बेटी सफियत्नीशा जो राजकुमार अजीत सिंह के प्रेम की दीवानी थी। 
4. इल्तुतमिश की बेटी "रजिया सुल्तान" 
  रज़िया सुल्तान राजपूत जागीरदार कर्म चंद्र से प्रेम करती थी। 
5. औरंगजेब की बहन भी छत्रपति शिवाजी महाराज की दीवानी थी
  राजपुत राजाओं की और भी बहुत सी मुस्लिम बीबीया थी लेकिन वो राज परिवार और कुलीन वर्ग से नहीं थी। लेकिन उस समय की किताबो में ब्रिटिश और उस समय के कवियों के रचनाओ में जिक्र स्पष्ट है और ब्रिटिश रिकॉर्ड में भी दर्ज है कि ज्यादातर राजपूतो राजाओ की एक से ज्यादा मुस्लिम बीवियां थी लेकिन रक्त शुद्धता की वजह से इनके बच्चो को अपनाया नहीं जाता था और उन बच्चों को वर्णशंकर मान के जागिर दे दी जाती थी।
   अलाउद्दीन खिलजी की बेटी का नाम फिरोजा था। फिरोजा को मेवाड़ के पास ही जबालिपुर (वर्तमान जालौर) के सोनगरा चौहान शासक कान्हड़ देव के पुत्र वीरमदेव से प्यार हो गया था।
फिरोजा
Firoza
वीरमदेव
Viramdev
  जब अलाउद्दीन की सेना गुजरात के सोमनाथ मंदिर को खंडित करने के बाद शिवलिंग को लेकर दिल्ली लौट रही थी तभी जालौर के शासक कान्हड़ देव चौहान ने शिवलिंग को पाने के लिए मुगलों की सेना पर हमला कर दिया। इस हमले में अलाउद्दीन की सेना को हार का सामना करना पड़ा और अपनी जीत के बाद कान्हड़ देव ने उस शिवलिंग को जालौर में स्थापित करवा दिया।
   जब अलाउद्दीन को अपनी सेना की हार का पता चला तब उसने इस युद्ध के मुख्य योद्धा और कान्हड़ देव चौहान के बेटे वीरमदेव को दिल्ली बुलाया। दिल्ली पहुंचने के बाद अलाउद्दीन खिलजी की बेटी फिरोजा की नजर राजकुमार वीरमदेव पर पड़ी और उसे पहली नजर में ही राजकुमार से प्यार हो गया फिरोजा ने अपने पिता खिलजी से कहा कि वो राजकुमार से प्रेम करती है, और उससे शादी करना चाहती है अलाउद्दीन हिन्दू विरोधी था पर अपनी बेटी के इस जिद के आगे अलाउद्दीन हार गया और उसने अपनी बेटी के रिश्ते का प्रस्ताव वीरमदेव के सामने रखा जिसके बाद वीरमदेव ने वक्त की नजाकत समझते हुए इस रिश्ते पर विचार करने के लिए कहा, लेकिन जालौर लौटने पर इस रिश्ते के लिए मना कर दिया।
  जब वीरमदेव ने अलाउद्दीन की बेटी से रिश्ते का प्रस्ताव ठुकरा दिया तब गुस्से में आकर अलाउद्दीन ने अपनी सेना के साथ जालौर पर हमला कर दिया खिलजी वीरमदेव को बंदी बनाकर रखना चाहता था वीरमदेव अलाउद्दीन की सेना से लड़ते हुए वीरगति की प्राप्त हुए। वीरमदेव की मौत की खबर सुनकर फिरोजा ने यमुना नदी में कूदकर अपनी जान दे दी थी।
Rajput Rajkumar
  भारतीय इतिहास से इन पन्नों को बड़ी ही चालाकी से छिपा दिया गया और जोधा-अकबर जैसी फर्ज़ी कहानियां मुस्लिम इतिहासकारों ने रच दी जिसे बॉलीवुड के द्वारा फैला दिया गया ताकि लव जिहाद (Jihad against hindu women) को बढ़ावा मिल सके पर वे भूल गए की राजपूतों के पास अभी भी मौजूद हैं इतिहास की वो कहानियां।
   उस समय हमारे पूर्वज हमारे शास्त्रों के नियमों पर चलते थे उन्होंन धर्म का हमेशा ही साथ दिया और भारत को पुनः अपने मूल स्वरुप में लाने के लिए वे जो कुछ भी कर सकते थे उन्होंने किया भी और वे अपनी आखिरी साँस तक लड़ते रहे और आक्रांताओं को भारत की भूमि में ही दफ़न कर दिया।
किन मुस्लिम राजकुमारियों का हिन्दू राजकुमारों से विवाह हुआ 
1. अकबर की बेटी शहज़ादी खानूम से महाराजा अमर सिंह जी का विवाह। 
2. कुँवर जगत सिंह ने उड़ीसा के अफगान नवाब कुतुल खा कि बेटी मरियम से विवाह। 
3. महाराणा सांगा मुस्लिम सेनापति की बेटी मेरूनीसा से ओर तीन मुस्लिम लड़किया से विवाह। 
4. महाराणा कुंभा (अपराजित योद्धा) का जागीरदार वजीर खा की बेटी से विवाह। 
5. बप्पा रावल (फादर ऑफ रावलपिंडी) गजनी के मुस्लिम शासक की पुत्री से और 30 से अधिक मुस्लिम राजकुमारीयो से विवाह। 
6. विक्रमजीत सिंह गोतम का आज़मगढ़ की मुस्लिम लड़की से विवाह। 
7. जोधपुर के राजा राजा हनुमंत सिंह का मुस्लिम लड़की ज़ुबेदा से विवाह। 
8. चंद्रगुप्त मौर्य (राजपूत) का सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस निकेटर की बेटी हेलेना से विवाह। 
9. महाराणा उदय सिंह की एक मुस्लिम लड़की लाला बाई से विवाह। 
10. राजा मान सिंह मुस्लिम लड़की मुबारक से विवाह। 
11. अमरकोट के राजा वीरसाल का हामिदा बानो से विवाह। 
12. राजा छत्रसाल का हैदराबाद के निजाम की बेटी रूहानी बाई से विवाह। 
13. मीर खुरासन की बेटी नूर खुरासन का राजपूत राजा बिन्दुसार से विवाह। 
14. जोधपुर राजा तखत सिंह का एक मुस्लिम लड़की से विवाह। 
15. खीरी के राजा सरस्वती प्रताप सिंह का 5 मुस्लिम लड़कियो से विवाह। 
16. मेहर-उन-निसा का इंदरमणि बुंदेला से विवाह। 
17. जामनगर के राजा जाम विभाजी की 8 मुस्लिम लड़कियो से विवाह। 
  उन्होंने हमेशा इसका ध्यान रखा की वर्तमान उनके आने वाले भविष्य और वंशजों में कोई विकृति ना पैदा कर दे इसलिए वे रक्त शुद्धता की वजह से इनके बच्चो को अपनाया नहीं और उन बच्चों को वर्णशंकर मान के जागिर दे दी, इससे उन्होंने अपने दोनों धर्मों का पूर्णता से निर्वाहन किया।

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