लंपी वायरस को भगाने गौमाता की रक्षार्थ आगे आया भगत समाज
ज्योतिसर महाराज की पूजा अर्चना कर वायरस भगाने की कामना
विहिप के केंद्रीय सहमंत्री रामस्वरुप महाराज और गुजरात प्रमुख बडोदरा गुजरात से हुए शामिल
लम्पी वायरस के सामने सरकार हुई ढेर, अब भगत समाज, गो रक्षा समिति और विप्र फाउंडेशन संभाला ने मोर्चा
बांसवाडा/राजस्थान।। बांसवाडा जिले के जनजाति ग्रामीण क्षेत्र कुशलगढ सहित ग्रामीण क्षेत्र खेडा धरती घाटा क्षेत्र मे लंपी वायरस महामारी को रोकने और गौमाता को बचाने हेतु विहिप के संयुक्त तत्वाधान मे भगत समाज के ज्योतिसर महाराज के भक्तो की और से संत सम्मेलन आयोजित किया गया। सुरवन गांव मे खुमचंद भगत के यहा सम्पन्न हुए इस संत सम्मेलन में मुख्य अतिथि गुजरात बडोदरा के कानजी महाराज सहित मुख्य वक्ता भारत माता मंदिर के महंत और केंद्रीय सहमंत्री रामस्वरुप महाराज रहे।
जहा भगवान श्री राम के विजय मंत्र के साथ भगतो के भगवान ज्योतिसर महाराज की पूजा अर्चना के बाद गौमाता को लंपी वायरस से बचाने हेतु कई जगह एवं स्थानो पर मंदिरो में गौमाता की सैवार्थ एक कुंडी यज्ञ करने का आहवान किया गया। साथ ही लंपी वायरस के निदान मे योगदान दे रहे सभी गौभक्त समाज सेवको, गौरक्षको का धन्यवाद भी ज्ञापित किया गया। इस दौरान बहादूरसिंह राठौड, मदन वडखिया, नारजी, हवसिंह, देवेंद्र सहित सैकडो की तादात मे महिला पुरूष मौजूद रहे।
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में लम्पी वायरस के कारण 416 गायों ने दम तोड दिया है। 17,743 मवेशियों मे से 12,377 मवेशियों का ईलाज किया गया है। ज़िले में अभी तक 4,950 मवेशी ठीक हुए है। वही पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डाक्टर नित्यानंद पाठक ने बताया कि जिले में 1 लाख 20 मवेशियो का वेक्सिनेशन किया गया है। वही 1,142 नए केस आए है, वहीं ज़िले में 798 गांव लम्पी वायरस की चपेट में आ चुके है।
कुशलगढ मे गौरक्षा समिति के कार्यकर्ता जुटे लंपी वायरस को भगाने
कुशलगढ नगरपालिका मे खुले घुम रहे नंदी महाराज को ढूंढकर करवा रहे ईलाज
लड्डू बनाकर गांव गांव ढाणी ढाणी वितरण का लक्ष्य
गौवंश मे महामारी के रूप मे फैल चुके लंपी वायरस का अधिकृत टीका फिलहाल नही आया है, लेकिन देश एवं वागड प्रदेश सहित बांसवाडा के अंतिम छोर एमपी गुजरात सीमावर्ती कुशलगढ, सज्जनगढ क्षेत्र की विभिन्न सौ के करीब पंचायत क्षेत्र के विभिन्न गांवो मे महामारी विकराल रूप मे सामने आ रही है। कुशलगढ मे पशुपालन विभाग के कार्मिक सूचना पर जहा गांव-गांव जाकर ईलाज कर रहे है वही क्षेत्रीय विधायक और जनजाति आयोग उपाध्यक्ष रमीला खडिया भी महामारी को लेकर चितिंत है। विधायक की अनुशंसा से मुख्यमंत्री कोष से पांच लाख रू भी महामारी की रोकथाम और टीकाकरण के लिए जारी किये गए है। वही इस त्रासदी में सबसे बडी भूमिका विप्र फाउंडेशन के साथ गौरक्षा सेवा समिति सहित अन्य सामाजिक संगठन निभा रहे है। कुशलगढ मे हेमेंद्र पंडया, चंद्रशेखर शर्मा, गौरक्षा समिति के हर्षवर्धन उर्फ पिंटु भाई पंड्या सहित स्वयंसेवकों की टीम एवं खेडा धरती मे छोटी सरवा निवासी देवभाई जोशी, कपिल उपाध्याय की टीम अपने सहयोगियों के साथ अहम भूमिका निभाकर गौमाता की रक्षार्थ विभिन्न सेवा कार्य किए नि:शुल्क अपनी सेवाए प्रदान कर रहे है।
सरकार हो गई फ़ेल अब लम्पी वायरस के निदान में गो रक्षा समिति और विप्र फाउंडेशन दे रहा योगदान
कांग्रेस सरकार की नाकामी के चलते लम्पी वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच बांसवाड़ा जिले में कुशलगढ़ में विप्र फाउंडेशन के बाद अब गो रक्षा समिति ने भी लम्पी वायरस के ईलाज का जिम्मा उठाया है। गो रक्षा समिति के सदस्यों ने दुर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में पंहुच कर वह पहुँच कर मवेशियों का निःशुल्क ईलाज रहें है। बतादे कि हमारे देश में इन दिनों मवेशियों में लम्पी वायरस का ख़तरा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है, सरकार की उपेक्षा के कारण अब मुक बधीर मवेशियों को जीवन दान देने के लिए मज़बूरन अब समाजसेवी लोगों को मोर्चा संभालना पड़ रहा है।
विप्र फाउंडेशन के बाद अब बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ में गो रक्षा समिति के कार्यकर्ता भी दुर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लम्पी वायरस की फेली बीमारी का ईलाज कर मवेशियों के उपचार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जब भी गो रक्षा समिति कुशलगढ़ को लम्पी वायरस से ग्रस्त मवेशियों की सूचना मिलती है, तो गो रक्षा समिति के कार्यकर्ता दुर्गम इलाकों में पंहुच कर लम्पी वायरस से रोगग्रस्त मवेशियों का उपचार कर रहे हैं।
बांसवाड़ा जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार पिछले 24 घंटे में लम्पी वायरस से 1,110 मवेशी संक्रमण के शिकार होने के समाचार है। वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 28 पशुओं की मौत हो चुकी है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉक्टर नित्यानंद पाठक के अनुसार अब तक 7,52 गाँवो में 14 हजार 773 मवेशियो का ईलाज हो चुका है, वहीं अभी तक लम्पी वायरस से इलाज के अभाव में 309 मवेशियो ने दम तोड दिया है।
होम्योपैथिक दवा बनी मवेशियों के लिएं वरदान
बतादे कि राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में मवेशियों में फेले लम्पी वायरस की रोकथाम में कांग्रेस सरकार के फेल हो जाने के बाद इस रोग के उपचार में विप्र फाउंडेशन आगे आकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। सरकारे भले ही लाख झूठे दावे करे की सरकार ने मवेशियों में फेले लम्पी वायरस के ईलाज में कही कोई कमी नहीं छोड़ी हैं, वही बांसवाड़ा जिले से रोज़ाना लम्पी वायरस के सामने आते आकड़ों से पशुपालकों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है। कांग्रेस की ख़त्म हो चुके जनाधार में जहा सारे कांग्रेसी भारत जोड़ो की नौटंकी और अपनी बिना अध्यक्ष की पार्टी को डूबने से बचाने में लगे हो ऐसे में राजस्थान सरकार के लम्पी वायरस को रोकने के लाख दावे बेमानी साबित हो रहे है। सरकार व पशुपालन विभाग के लम्पी वायरस को लेकर पुरी तरह मुस्तैद रहने का दिखावा पशुपालकों को अब भारी पड़ने लगा है, वही लम्पी वायरस दिनों-दिन एक गांव से दुसरे गाँवो में दस्तक देता नजर आ रहा है।
ऐसी विकट परिस्थितियों में मुक बधीर मवेशियों में फेले लम्पी वायरस के ईलाज के लिए विप्र फाउंडेशन ने अब कमान अपने हाथों में संभाल ली है, जेसे ही राजस्थान के बांसवाड़ा जिले सहित ग्रामीण क्षेत्रों में लम्पी वायरस की खबरें आने लगी तभी से विप्र फाउंडेशन ने होम्योपैथिक दवा से मवेशियों का उपचार करना शुरू कर दिया है। विप्र फाउंडेशन के कुशलगढ़ में हेमेंद्र पंडया, छोटी सरवा के देव जोशी इ एवं बड़ी सरवा के आंनद ने सहित विप्र फाउंडेशन के कई कार्यकर्ताओं ने पुरे ज़िले में मवेशियों में फेले लम्पी वायरस के उपचार हेतु नि:शुल्क होम्योपैथिक दवा का वितरण कर मवेशियों को बचाने का काम बखुबी ईमानदारी से निभाया हैं।
बतादे की खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र छोटी सरवा के समाजसेवी विप्र फाउंडेशन के बेनर तले धरतीपुत्र देव जोशी के पास आते हे ज़हां से होम्योपैथिक दवा लेकर धरती पुत्र अपने मवेशियों को पिलाते हैं जिसके चलते मवेशी लम्पी वायरस के रोग से ठीक भी हो रहें हैं, प्राप्त जानकारी अनुसार विप्र फाउंडेशन ने सेकडो मवेशियों को दवाई निशुल्क उपलब्ध कराई गई है,इधर धरतीपुत्रों ने बताया कि यदी विप्र फाउंडेशन समय पर ईलाज हेतु दवाईयां उपलब्ध नहीं कराता तो क्षेत्र में अनेक पशु लम्पी वायरस की चपेट में आ कर दम तोड सकते थे, लेकिन विप्र फाउंडेशन की अच्छी पहल ने मुक बधीर मवेशियों के लिए समय पर ईलाज हेतु दवाईयां उपलब्ध कराई गई,जो अपने आप में एक अच्छी पहल है,