डॉलर में करनी थी कमाई, गायब कर दिया जंगली चूहा

0
  Jangli Chuha

Jangli Chuha
  बांसवाड़ा/राजस्थान।।आजकल भारत में गिरती अर्थव्यवस्था के बीच चल रही प्रचंड बेरोजगारी में जहा पैसों का कमाना लोगो के लिये सपना बना हुआ है वही कुछ लोग डॉलर में कमाई करने के जुगाड़ी लालच में जंगली चुहा भी पालने से संकोच नहीं कर रहे है। बता दे कि जंगली चूहे की अतंराष्ट्रीय बाजार डॉलरों में अच्छी खासी कीमत है। लेकिन कमाई का जरिया बना ये जंगली चुहा किसी के लिए परेशानी का सबब बन गया है। डॉलर की कीमत सुन कुछ लोगो ने यह जंगली चुहा चोरी कर लिया वही मामला यह मामला थाने तक भी जा पहुंचा जिस पर एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही रही है। जी हा हमारे देश में चोरी डकती छोटी बड़ी वारदातों के बारे में आपने सुना और देखा होगा। 
  लेकिन अब एक जंगली चुहा चोरी होने का मामला सामने आने के बाद लोग दांतों तले उंगलियां दबाने लगे हैं। हर कोई जानना चाहता है की एक चुहे में ऐसा क्या था कि वो चुहा कही किमती तो नहीं था जिसकी चोरी की रिपोर्ट तक पुलिस थाने में दर्ज करानी पड़ी। जी हां ये मामला राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सज्जनगढ़ पुलिस थाने का है। इस थाना क्षेत्र के गांव पाड़ला वडखिया के मगु खिउरी ने सज्जनगढ़ पुलिस को रिपोर्ट दी कि उसने अपने घर पर खरगोश, मुर्गों के साथ एक जंगली चुहा भी पाल कर रखा था, जिसका वजन करीब 700 ग्राम बताया जा रहा है। घटना 28 सितबंर की रात की बताई गई जिसमे मगु के भाई का पोता सुरेश अपने दोस्त मोहित, अरविंद व खिहुरी इन तीनों ने मिलकर मगु का कीमती चुहा चुरा लिया ओर जीवा खुटा निवासी भरत को बेच दिया। 
 वही पुलिस ने मामला दर्ज कर हेड कांस्टेबल मगनलाल के जिम्मे मामले की जांच सौपीं हैं। जानकारों का कहना है कि इस चुहे के खातिर भांजगडा व आपसी समझोते की बात भी हुई, लेकिन समझोते की बात अंत तक नहीं बनी। समाचार लिखे जाने तक चुहे की बरामदगी नही हुई है। बतादे कि  इस तरह के जंगली चुहे पालना कानून दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत यह एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। ऑनलाइन विडियो के देखने से शिकायत करने वाले के मन में यह खयाल आया की जंगली चुहा मंहगा है, अंतराष्ट्रीय बाजार में इसके अच्छे रुपये आएगे ऐसा सोच इस जंगली चूहे को चोरी की नियत से गायब कर दिया गया। 

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top