गुजरात मोरवी हादसा कंपनी संचालकों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज
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गुजरात मोरवी हादसा कंपनी संचालकों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज

63 साल बाद फिर तबाही, गुजरात मोरवी हादसा-मृतकों की संख्या 140 पार,
हड़बड़ी मे कम्पनी ने खोला था ब्रिज, बेच दिये थे कई सैकड़ो मेनयूअल टिकट,
कंपनी संचालकों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज
morvi gujarat accident
 मोरवी/गुजरात।। प्रदेश के मोरबी में कल शाम मच्छु नदी पर बने ब्रिज का सस्पेंशन टूटने से मची तबाही के मंजर में अब तक 140 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक घायल है तथा करीब 200 लोगों को रेस्क्यू करके निकाला जा चुका है इस हादसे में भाजपा के एक सांसद का परिवार भी शिकार बन गया है।
 इस घटना में ब्रिज बनाने वाली कंपनी के संचालकों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अहमदाबाद में होने वाले रोड शो को इस घटना को देखते हुए रद्द कर दिया है और आज भी मोरवी का दौरा कर सकते हैं।
 बताया जाता है कि मोरवी के मच्छु नदी पर हाल ही में बने ब्रिज पर रविवार शाम को एक आयोजन को लेकर भारी भीड़ जमा थी तभी करीब 7:00 बजे के आसपास अचानक ब्रिज का सस्पेंशन टूट गया और ब्रिज पर मौजूद करीब 500 लोग नदी में जा गिरे।
 इस पर तत्काल वहां मौजूद कुछ ग्रामीणों ने बचाव दल पहुंचने से पहले नदी में कूदकर लोगों की जान बचाई तो कुछ लोग टूटे हुए पुल पर लटक गए इससे बच गए घटना की सूचना मिलते ही तत्काल बचाव दल और एनडीआरएफ की टीम में पहुंची और रात में ही सर्च लाइटों में रेस्क्यू जारी करते हुए ।
 नदी में गिरे लोगों को बचाने का काम किया गया और आज सवेरे तक करीब 170 लोगों को बचा लिया गया है और अब तक 141 शव मिल चुके हैं 77 से अधिक घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।
 जिनका उपचार चल रहा है इस घटना से हाहाकार मच गया बताया जाता है कि दीपावली के 2 दिन बाद 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया है और यह पुल पिछले 6 माह से बंद था और इस पर करीब ₹20000000 खर्च करके इसकी मरम्मत का काम अभी हाल ही में पूरा किया गया था।
 इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने एक हेल्पलाइन नंबर 02822 24 33 00 जारी किया है इसके अलावा घायलों को मोरबी राजकोट अस्पतालों में इमरजेंसी वार्ड बनाए गए हैं बताया जाता है कि इस हादसे में राजकोट के भाजपा सांसद मोहन कुंदरिया के परिवार के 12 सदस्यों की भी जान चली गई है।
 बता दे कि मोरबी में मच्छु नदी पर इस पुल का निर्माण वर्ष 1880 में पूरा हुआ था। इसका उद्घाटन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। उस वक्त इसे बनाने में करीब 3.5 लाख रुपये खर्च हुए थे।
 जानकारो का कहना है कि गुजरात के मोरबी में रविवार को फंक्शनल पुल के गिरने से करीब 140 लोगों की मौत हो गई। 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अब भी कई लोग लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है. बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त ब्रिज पर 500-700 लोग थे। अब सवाल ये उठता है कि इस पुल में ऐसा क्या था कि इतनी बड़ी संख्या में लोग एक साथ जमा हुए। जबकि इस पुल की क्षमता 100 लोगों की थी। हम आपको बता रहे हैं इस पुल से जुड़ी तमाम जानकारी।
इस वजह से था आकर्षण का केंद्र
 मच्छु नदी पर बने इस पुल का इतिहास करीब 140 साल पुराना था। इस पुल की बात करें तो यह गुजरात के प्रमुख टूरिस्ट प्लेस में से एक बन गया था. यहां रोज बड़ी संख्या में लोग घूमने आते थे।
 क्योंकि ये पुल हवा में झूलता रहता था और यह बिल्कुल ऋषिकेश के राम और लक्ष्मण झूले जैसा पुल था इसलिए बड़ी संख्या में लोग यहां आते थे। संडे को इस पुल पर एक साथ 500-700 लोग जमा हुए और पुल इतना बोझ नहीं झेल सका। पुल टूटकर नदी में गिर गया, जिससे लोग बहने लगे।
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गुजरात के मुख्यमंत्री सहित कई भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने इस घटना पर दुख प्रकट किया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के आश्रितों को दो- दो लाख रुपए की और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की तथा गुजरात के मुख्यमंत्री ने मृतकों के आश्रितों को 44 लाख और घायलों को ₹50000 देने की घोषणा की है।
 जानकरो का कहना है कि हड़बड़ी में ओरेवा ग्रुप ने ब्रिज को खोल दिया और इस तरह का मैनुअल टिकट बेचना शुरू कर दिया।
Morvi bridge accident
 अगर कंप्यूटराइज्ड सिस्टम होता तो यह भी पता चलता कि कितने लोग ब्रिज पर हैं।
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अहमदाबाद में होने वाले रोड शो को रद्द कर दिया है और वह मोरवी घटनास्थल पर तथा घायलों की देखने के लिए मौके पर जा सकते हैं ।
 बताया जाता है कि मोरबी नगरपालिका ने इस ब्रिज की मरम्मत का कार्य ओरेवा ग्रुप कंपनी को दिया था और इस ग्रुप तथा नगरपालिका के बीच एक समझौता एमओयू हुआ जिसमें मार्च 2022 से लेकर मार्च 2037 तक अर्थात 15 साल के लिए किस ब्रिज की सुरक्षा सफाई रखरखाव टोल वसूलने स्टाफ का प्रबल आदि सारी जिम्मेदारी और ओरेवा ग्रुप की थी ।
 इस घटना के बाद ब्रिज का रखरखाव देखने वाली कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है और कमेटी का गठन कर दिया गया है जो हादसे की जांच कर जल्दी से अपनी रिपोर्ट देगी।
63 साल पहले भी इसी जगह मची थी तबाही
 करीब 63 साल पहले इसी मच्छु नदी के कारण मोरबी में तबाही मची थी 11 अगस्त 1979 को भारी बारिश और स्थानीय नदियों में बाढ़ के कारण मच्छु डैम और फ्लो हो जाने के बाद 11 अगस्त को दोपहर में मच्छु डैम टूट गया और पूरे मोरबी शहर को अपनी चपेट में ले लिया देखते ही देखते मकान ऊंची ऊंची इमारत है पानी के आगोश में समा गई लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला।
 बताया जाता है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार उस समय करीब 14 से 40 लोगों की मौत हुई और तेरा हजार से ज्यादा पशुओं की मौत हुई थी जब बाढ़ का पानी उत्तरा तो वहां भयानक मंजर देखने को मिला था ना से लटकी हुई थी कीचड़ भरा हुआ था बदबू फैली हुई थी।

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