प्रताप गौरव केन्द्र : तिरंगा बैज पाकर खिलखिला उठे बच्चे
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प्रताप गौरव केन्द्र : तिरंगा बैज पाकर खिलखिला उठे बच्चे

स्वाधीनता दिवस पर हुआ तिरंगों और तिरंगा बैज का वितरण
  उदयपुर/राजस्थान।। देश के 77वें स्वाधीनता दिवस पर प्रताप गौरव केन्द्र राष्ट्रीय तीर्थ के दर्शन करने आए परिवारजनों को तिरंगा झण्डा व तिरंगा बैज प्रदान किए गए। हाथों में तिरंगा झण्डा लहराते हुए और सीने पर तिरंगा बैज लगाकर बच्चे फूले नहीं समाए। उन्होंने जमकर वंदे मातरम और भारत माता के जयकारे लगाए। स्वाधीनता दिवस पर गौरव केन्द्र के दर्शन शुल्क में भी छूट दी गई थी, जिसका लाभ उठाते हुए सैंकड़ों पर्यटक यहां पहुंचे।
 प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि स्वाधीनता दिवस पर केन्द्र का दर्शन शुल्क 160 के बजाय 50 रुपये रखा गया था। साथ ही, शाम को होने वाले मेवाड़ की शौर्य गाथा लेजर शो का शुल्क भी 100 के बजाय 50 रुपये रखा गया था। स्वाधीनता दिवस पर कुल 2522 पर्यटकों ने गौरव केन्द्र के दर्शन किए।
 सक्सेना ने बताया कि भारतीय सेवा संस्थान की ओर से तिरंगे झण्डे व बैज बांटे गए। इनको पाकर बच्चे प्रफुल्लित नजर आए। इससे पूर्व, प्रातः वेला में प्रताप गौरव केन्द्र में झण्डारोहरण किया गया। मुख्य अतिथि हेमेन्द्र श्रीमाली थे, जबकि अध्यक्षता वीर षिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के उपाध्यक्ष डॉ. देव कोठारी ने की। 
  इस अवसर पर डॉ. कोठारी ने अपने उद्बोधन में आगरा के हुकम चंद जैन का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने आजादी के आंदोलन के लिए बहादुरशाह जफर को तीन हजार एकड़ जमीन प्रदान की थी, इसका पुरस्कार उन्हें यह मिला कि अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया। डॉ. कोठारी ने झांसी के स्वाधीनता आंदोलन में फांसी चढ़ने वाले अमरचंद भाटिया का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ऐसे गुमनाम सेनानियों को इतिहास में जगह नहीं दी गई।

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