अनजाने में डोपिंग की बात मान गए नरसिंह: 4 साल के बैन का खतरा, फैसला कल

नरसिंह तीन में से दो डोप टेस्ट में फेल हो गए थे। उनसे चार घंटे तक नाडा ने पूछताछ की थी
    नई दिल्ली/सोनीपत।। डोपिंग में फंसे रेसलर नरसिंह यादव का न केवल रियो ओलिंपिक में जाना केवल खटाई में पड़ गया है, बल्कि उन पर 4 साल का बैन भी लग सकता है। रेसलिंग फेडरेशन से जुड़े अफसरों की मानें तो नरसिंह ने नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) के सामने अनजाने में डोपिंग की बात मान ली, लेकिन उन्होंने इसे साजिश करार दिया। उनके वकील भी उन्हें बेगुनाह साबित करने में नाकाम रहे। सुनवाई पूरी होने के बाद नाडा ने कहा है कि वह शनिवार या सोमवार को फैसला सुनाएगी। कोई सबूत पेश नहीं कर सके नरसिंह, 6 बातें उनके खिलाफ गईं...
- बुधवार को नरसिंह के वकीलों ने अपना पक्ष रखा था और गुरुवार को नाडा के वकीलों ने अपनी बात रखी।
- नाडा के वकील गौरांग कांत ने बताया कि नरसिंह दोनों डोपिंग टेस्ट (25 जून और 5 जुलाई) में फेल रहे।
- "उनका पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि बैन स्टेरॉयड नरसिंह के शरीर में किस तरह आ गया।"
- यादव 5 जुलाई को हुए दूसरे डोप टेस्ट में भी फेल हो गए। अब उनके ओलिंपिक में हिस्सा लेने की उम्मीद न के बराबर है।
ये बातें नरसिंह के खिलाफ
1.पहले और दूसरे डोपिंग टेस्ट में फेल रहे।
2.डोपिंग की बात कबूल करनी पड़ी, कोई दलील नहीं पेश कर सके।
3.फूड सप्लीमेंट में कोई मिलावट नहीं।
4.अनजाने में डोपिंग हुई, यह साबित नहीं कर सके।
5.दोनों टेस्ट पहले हुए, खाने में मिलावट की बात बाद की है।
6.बैन दवा शरीर में कैसे पहुंची, इसकी दलील देने में नाकाम रहे।
क्या है नाडा और वाडा?
- किसी भी प्लेयर का डोप टेस्ट वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) और नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) करती हैं।
- इंटरनेशनल गेम्स में ड्रग्स के बढ़ते चलन रोकने के लिए 10 नवंबर, 1999 को स्विट्जरलैंड के लुसेन शहर में वाडा को बनाया गया था।
- इसी के बाद हर देश में नाडा बनाई गई। इन्हें दोषी प्लेयर्स को सजा देने और प्रतिबंधित करने का हक है।
- किसी टूर्नामेंट या गेम्स से पहले या ट्रेनिंग के दौरान डोप टेस्ट किए जाते हैं। प्लेयर्स का यूरिन सैम्पल लिया जाता है। वाडा और नाडा की स्पेशल लैब में ही इनकी जांच होती हैं।
ब्रॉन्ज मेडल जीता था वर्ल्ड चैम्पियनशिप में
- नरसिंह पंचम यादव ने 2015 में वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज जीता था।
- इसी जीत के साथ उन्होंने रियो में होने वाले ओलिंपिक खेलों के लिए 74 किग्रा वर्ग में क्वालिफाई कर लिया था।
फेडरेशन और साई आमने-सामने
- साई सेंटर की व्यवस्थाएं सही नहीं हैैं। जब योगेश्वर और नरसिंह जैसे पहलवान आरोप लगा रहे हैं तो कुछ तो सच्चाई होगी ही। मैंने खेल मंत्रालय को यहां की शिकायत भेजी है। - बृजभूषण, शरण सिंह, अध्यक्ष, भारतीय कुश्ती संघ
- फेडरेशन खुद भी कहां सही है। कितने पहलवानों के साथ कितने लोग आते हैं, व्यवस्था वे खुद ही नहीं बनने देते। क्या फेडेशन ने यहां कोई बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया है? - राधिका श्रीमान, रीजनल डायरेक्टर, साई, सोनीपत



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