नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफे के बाद अपने बयान में कहा कि उन्होंने पीएम मोदी की सलाह पर राज्य सभा सदस्य का पद स्वीकार किया था। सिद्धू ने आगे कहा की पंजाब का हित सबसे ऊपर है, सही और गलत के बीच में तटस्थ नहीं रहा जा सकता है।
सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब में बीजेपी ने एक बड़ा चेहरा खो दिया है और इससे AAP को फायदा हुआ है क्योंकि उनके पास कोई बड़ा चेहरा नहीं था। सिद्धू बीजेपी की नाराजगी 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान शुरू हुई थी जब बीजेपी ने अमृतसर से सिद्धू का टिकट काटकर अरुण जेटली को दे दिया था।