दक्षिण सूडान में जारी हिंसा में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए सरकार ने गुरुवार से ऑपरेशन 'संकट मोचन' की शुरुआत की है.इसके लिए गुरुवार को युद्ध प्रभावित दक्षिण सूडान के शहर जूबा दो सी-17 सैन्य परिवहन विमान भेजा गया है, ताकि वहां फंसे 300 से अधिक भारतीयों को निकाला जा सके. इस अभियान का नेतृत्व विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह कर रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘जनरल ने एक बार जिम्मेदारी ली है. दो सी-17 विमान जूबा जा रहे हैं. जनरल वी के सिंह दक्षिण सूडान से लोगों को निकालने के अभियान का नेतृत्व करेंगे.’’
सिंह ने संघर्ष प्रभावित यमन से गत वर्ष करीब चार हजार भारतीयों को निकालने के अभियान की निगरानी की थी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राहत उड़ान के गुरुवार सुबह जूबा पहुंचेगा. इसमें कहा गया है कि वैध भारतीय यात्रा दस्तावेज वाले भारतीय नागरिकों को ही विमान में सवार होने दिया जाएगा और वे अपने साथ अधिकतम पांच किलोग्राम ‘केबिन लगेज’ ला सकते हैं. इसमें कहा गया कि महिलाओं एवं बच्चों को प्राथमिकता से जगह दी जाएगी.
भारत दक्षिण सूडान में घटनाक्रमों पर नजदीकी नजर रखे हुए था जहां शहर के कई हिस्सों में पूर्व विद्रोही और सरकारी सैनिकों के बीच भारी संघर्ष जारी है. इस उद्देश्य के लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है. मंत्रालय के अनुसार दक्षिण सूडान में करीब 600 भारतीय हैं जिसमें से 450 जूबा में और करीब 150 राजधानी के बाहर हैं.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अभी तक करीब 300 भारतीयों ने वहां से निकाले जाने के लिए भारतीय दूतावास में पंजीकरण कराया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारतीयों को निकालने के संबंध में बुधवार को किये गए श्रृंखलाबद्ध ट्वीट में कहा, ‘‘हम दक्षिण सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए आपरेशन ‘संकटमोचन’ शुरू कर रहे हैं. मेरे सहयोगी जनरल वी के सिंह इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं.’’
उन्होंने लिखा, ‘‘उनके साथ सचिव अमर सिन्हा, संयुक्त सचिव सतबीर सिंह और निदेशक अंजनि कुमार होंगे. दक्षिण सूडान में हमारे राजदूत श्रीकुमार मेनन और उनकी टीम जमीन पर इस अभियान का आयोजन कर रही है.’’उन्होंने कहा, ‘‘मेरे सहयोगी मनोहर पर्रिकर को धन्यवाद और भारतीय वायुसेना के बहादुरों को मेरी शुभकामनाएं जो अभियान ‘संकटमोचन’ संचालित कर रहे हैं.’’
