
2 दिन पहले भदोही के मेघीपुर क्रॉसिंग में ट्रेन के चपेट में आने से 8 बच्चों की दर्दनाक मौत हुई... इस मामले में कहें कि दरअसल ये हादसा नही एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत मर्डर है तो..एक शांतिदूत का जेहाद जो आजकल पुरे विश्व में चल रहा..
चौंकिये नही..आज का दैनिक जागरण उठाकर मेन पेज पढ़िए..उस घटनाक्रम में ड्राइवर राशिद की भूमिका संदिग्ध है..हालाँकि अभी बसपा के पूर्व मंत्री दीनानाथ समेत कुछ लोगों ने ही सवाल उठाये,लेकिन उनकी दलीलों को देखे तो ड्राइवर की भूमिका संदिग्ध तो है ही पूरा मामला ही सुनियोजित षड्यंत्र लगता है ...आप भी देखिये---
-> चालक रशीद ने हादसे के दिन अन्य दिनों के विपरीत वाहन में पहले स्कुल के निकट बच्चों को बैठाया और उन्हें लेकर उल्टे दिशा में क्यों गया ??
--> रास्ते ने मोटरसाइकिल सवार दो युवकों ने गाडी रूकवाकर टॉफियां बांटी..जो अमूमन किसी दिन नही हुआ..
--> एक बच्चे के छूटे हुए टिफिन को वापस लेने के लिए गाडी नही रुकी..जबकि यही गाडी बाद में 15 मिनट के लिए रोककर टाफियां बांटी गई..तब ड्राइवर को देरी का एहसास नही हुआ ??
--> ट्रेन उसी साइड से आ रही थी जिस साइड चालक की सीट थी..इसके बावजूद उसने बच्चों की चिल्लाहट पर वाहन क्यों नही रोका??
-> फाटक पर पहले से खड़े 2-3 वाहनों को अनदेखा कर गाडी रेल ट्रैक की ओर बढ़ाता चला गया..
--> वहां उपस्थित लोगों का कहना है कि ट्रेन की ओर गाडी बढ़ाकर वह कूद भी गया..बच भी गया..जिसका इलाज BHU में चल रहा है...
और सबसे बड़ी बात...
--> चालक रशिद एक आदतन अपराधी था बम बनाने समेत कई अपराधों में वह सजा काट चूका है..
तो इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए..चालक की ब्रेन मेपिंग से लेकर लाई डिटेक्टर तक घटना की हर कड़ी की जांच हो...आजकल विश्व के तमाम जगहों में हो रही घटनाओं चाहे कोई अल्लाह हू अकबर चिल्लाते हुए भीड़ को ट्रकों से रौंदना हो ..या जेहादी नारों के साथ ट्रेन सवार यात्रियों पर कुल्हाड़ी से हमला हो..अकेले मॉल में घुसकर गोलियां चलाना हो या इसी क्रम में यूँ कहें कि भदोही क्रॉसिंग में गाड़ी को सीधे ट्रेन में ले जाकर घुसा देना..अतिशयोक्ति नही..
ज़ेहाद का रूप बदल गया..आजकल हर आतंकी मानव बम बनकर घूम रहा..इसलिए जाँच तो होनी चाइये..हादसा कहकर लीपापोती नही..
दुख इस बात का है कि भदोही कांड का आरोपी ड्राइवर राशिद एनवक़्त पर कूद कर बच गया था !!! कैसे ? सोचो।
*स्वर्णप्रहरी*