
आखिरी विदाई के वक्त अलका ने पिता को सैल्यूट किया था। उसने नारा पुकारा था- ‘होके के होई ना, होना ही परचा’ यानी ‘होगा कि नहीं होगा, होके ही रहेगा’। आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग, अन्य अफसरों ने भी दिल्ली कैंट इलाके के श्मशान घाट में रॉय को श्रद्धांजलि दी थी।
आतंकियों ने किया था हमला
27 जनवरी को श्रीनगर से 36 किमी दूर मिंडोरा गांव में आतंकियों के मौजूद होने की खबर मिलने पर कर्नल राय अपनी टीम के साथ पहुंचे थे। कर्नल मुनेंद्र नाथ राय को खबर मिली थी कि हिजबुल मुजाहिदीन का एक लोकल आतंकी अपने एक साथी के साथ वहां आया हुआ है। जब इलाके की घेराबंदी हो गई तो मारे गए आतंकियों में से एक के पिता और भाई राय के पास पहुंचे और दावा किया कि आतंकी सरेंडर करना चाहते हैं। हालांकि, जब राय ने उन्हें ऐसा करने का मौका दिया तो आतंकियों ने घर से निकलते वक्त अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इसके बाद, एनकाउंटर में आतंकी मारे गए लेकिन राय और सिंह शहीद हो गए।