
रुसी बहू को दहेज के लिए घर से निकाला
रूस की रहने वाली नाम की महिला ओल्गा एफिमेंकोव की शादी साल 2011 में न्यू आगरा इंद्रपुरी निवासी विक्रांत चंदेल से हुई थी। दोनों की शादी-शुदा जिन्दगी अच्छी चल रही थी। लेकिन कुछ समय बाद महिला की सास निर्मला ने उसको दहेज़ के लिए सताना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं उसको घर में भी आने के लिए मना कर दिया ओल्गा ने आरोप लगाया था कि सास उससे 10 लाख रुपए दहेज की मांग रही है। जब ओल्गा एफिमेंकोव ने अपनी आप-बीती अपने पति विक्रांत को बतलाई तब उसके पति ने अपनी माँ से बात भी की लेकिन उसकी माँ ने उसकी बात को अनसुना कर दिया। इसके बावजूद महिला ने हार नहीं मानी उसने अपने ही घर के चौखट पर अपना बेड लगा लिया और यही पर लेट गई। वही ओल्गा के पति विक्रांत का कहना है कि वह पत्नी ओल्गा के साथ है। वही दूसरी ओर सास निर्मला ने उल्टा आरोप लगाते हुए बताया कि वह अपनी सारी जमा- पूंजी बेटी को दान में दे चुकी हैं। बस वह घर के एक कमरे में रहती है बाकी हिस्से में उसकी बेटी स्कूल चलाती हैं। निर्मला का यह भी कहना है कि बेटे – बहू घर में रह सकते हैं। मैंने उनको रहने के लिए मना नहीं किया हैं। मैंने बेटे और बहू को 11 लाख रुपये दे चुकी हूँ। जब इनसे इनका पेट नहीं भरा तो उन्होंने ने मुझपर दहेज़ का आरोप लगा दिया। देर रात पुलिस घर पर पहुंची और उसने यहां रह रहे किराएदार से कमरा खाली करवाया। इस कमरे में ओल्गा और उसके पति व बच्ची को जगह दी गई है। पुलिस अफसरों ने सास और बहू की बात सुनकर दोनों में सहमति करवा दी। इसके बाद दोनों गले मिले। आपको बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने देर रात यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ट्वीट करके इस घटना की जानकरी दी, जिसके जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि हम इस रुसी महिला की पूरी मदद करेंगे।