सवाल उठता है कि इतने जिम्मेदार लोग सिग्नल तोड़ सकते हैं तो आम आदमी से गलती स्वाभाविक है। लेकिन एक सवाल और है, कि यदि आम आदमी इसी तरह सिग्नल को धता बताकर चैराहे से गुजर जाये तो उसका तो पुलिस चालान काट देगी। फिर वही कहावत याद आ गयी, बड़ा मांगे तो चंदा, छोटा मांगे तो भिखमंगा। कम्पनी बाग चोकी इंचार्ज मामले में कैमरे के सामने आने को तैयार नही हुये। किन्तु आफलाइन उन्होने स्वीकार किया कि मंत्री का काफिला रेड लाइट के बावजूद गुजर गया, हम लोग आवाज लगाते रहे।
सिंग्नल की परवाह किये बगैर गुजरा मंत्री के गाड़ियों का काफिला
1:39 PM
सवाल उठता है कि इतने जिम्मेदार लोग सिग्नल तोड़ सकते हैं तो आम आदमी से गलती स्वाभाविक है। लेकिन एक सवाल और है, कि यदि आम आदमी इसी तरह सिग्नल को धता बताकर चैराहे से गुजर जाये तो उसका तो पुलिस चालान काट देगी। फिर वही कहावत याद आ गयी, बड़ा मांगे तो चंदा, छोटा मांगे तो भिखमंगा। कम्पनी बाग चोकी इंचार्ज मामले में कैमरे के सामने आने को तैयार नही हुये। किन्तु आफलाइन उन्होने स्वीकार किया कि मंत्री का काफिला रेड लाइट के बावजूद गुजर गया, हम लोग आवाज लगाते रहे।