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टीचर ने 1 लाख रुपए किए थे दान, प्रधानमंत्री कार्यालय ने किए वापस

     राजस्थान के एक सरकारी स्कूल के रिटायर्ड टीचर ने अपनी पेंशन से जोड़कर एक लाख रुपए जमा किए और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दिया. टीचर ने 1 लाख रुपए की यह रकम दान के रूप में भेजे थे और पीएमओ (प्रधान मंत्री कार्यालय) इन रुपयों को प्रधानमंत्री राहत कोष में डाल दिया. लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई. और आखिर पीएमओ को यह दान राशि दानदाता टीचर को वापस लौटानी पड़ी. दरअसल, टीचर ने दान के साथ एक शर्त रखी थी जो पीएमओ पूरी नहीं कर पाया.
    राजस्थान के सीकर के दातारामगढ़ के सरकारी स्कूल से रिटायर्ड शिक्षक दीपचंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक लाख रुपए की सहायता राशि भेजी थी. लेकिन इस दान के साथ थी शर्मा ने एक शर्त भी रखी थी. शर्त समझे बिना ही पीएमओ ने यह दान राशि प्रधानमंत्री सहायता कोष में डाल दी. आखिर जब शर्मा ने जब अपनी शर्त पूरी होने की जानकारी मांगी तो पीएमओ लाचार हो गया.
     दरअसल, दीपचंद शर्मा ने 10 जून 2015 को एक लाख रुपए का चैक प्रधानमंत्री को भेजा तथा यह सहायता देश के सबसे गरीब व्यक्ति को देने की बात कही. इसके काफी समय बाद उन्होंने पीएमओ से इसकी सूचना मांगी कि उक्त राशि किस गरीब को दी गई? लेकिन सूचना में पीएमओ ने बताया कि उनकी ओर से दी गई एक लाख की सहायता प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कर ली गई है.
     अपनी दान राशि को प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराने पर टीचर दीपचंद ने पीएमओ को फिर से चिट्‌ठी लिखी और सहायता राशि गरीब देश के किसी भी गरीब को ही देनें की बात कही. इसके बाद दो फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री के सचिव पीके बाली का फोन दीपचंद शर्मा के पास आया और उन्होनें देश के गरीब व्यक्ति सीधी राशि देने में असमर्थता जता दी.
     पीएमओ ने इसके बाद एक लाख रुपए की राशि का डीडी पत्र के साथ टीचर को लौटा दिया. इसमें लिखा था कि आपकी सशर्त सहायता स्वीकर नहीं की जा सकती. लेकिन दीपचंद शर्मा की ओर से भेजी गई एक लाख रुपए की सहायता राशि दानदाता को वापिस भेजने के मामले में अब भी पांच आरटीआई (सूचना अधिकार) लगी हुई हैं.