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1978 से जेल में बंद है, 107 साल का पिता और 81 साल का बेटा

    मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिला जेल से सोमवार को 15 अगस्त के दिन 45 कैदियों को रिहा किया गया. लेकिन इस बार भी 1978 से जेल में बंद पिता-पुत्र को रिहाई नहीं मिल पाई.
     आवेश में आकर की गई पड़ोसी की हत्या के जुर्म में सालिगराम और पुत्र कमलेश 1978 से ग्वालियर जिला जेल में बंद हैं.
     पिछले साल जब तत्कालीन जेल मंत्री बाबूलाल गौर ने 100 पार कर चुके इस कैदी को देखा तो उन्होंने खुद उसे रिहा करने का कानूनी रास्ता पूछा था. जिसके बाद उनके रिहा होने की उम्मीद जागी थी. लेकिन आजादी के 70वें साल भी 107 साल के सालिगराम और 81 साल के बेटे कमलेश को जेल से आजादी नहीं मिल पाई.
    जेल अधिकारियों की मानें तो सालिगराम रिहाई के मानदंड पूरे नहीं कर पाया है, इसलिए सरकार ने उसे रिहाई नहीं दी.
     वहीं सालिगराम अब अपनी रिहाई की उम्मीद छोड़ चुका है. सालिगराम का कहना है कि वो अपनी आधे से ज्यादा जिंदगी जेल में गुजार चुका है, अब बचा ही क्या है, बची हुई उम्र भी यहीं कट जाएगी.
पड़ोसी की हत्या के अपराध में जेल
     दरअसल, शिवपुरी निवासी सालिगराम और उसके बेटे ने पड़ोसी के साथ हुए एक विवाद के दौरान आवेश में आकर उसकी हत्या कर दी थी. जिसके कारण उन्हें कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई. 2015 में हाईकोर्ट से सालिगराम को जमानत भी मिल गई थी, लेकिन अभियोजन पक्ष की अपील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सजा सुना दी. तब से वह जेल में हैं.