देश के 70 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह देश भर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। राष्ट्र स्तरीय समारोह राजधानी नई दिल्ली के लाल किले पर आयोजित किया गया। यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगा झंडा फहराकर इस समारोह का आगाज़ किया। झंडारोहण के बाद पीएम मोदी लाल किले के प्राचीर से देश की जनता को संबोधित किया। लाल किले के समारोह में पहुंचने से पहले पीएम मोदी ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि भारत में आतंकवाद से मरने पर वहां जश्न मनाया जाता है। लेकिन पेशावर के एक स्कूल पर आतंकवादी हमले में बच्चों के मारे जाने पर भारत की संसद से लेकर बच्चे-बच्चे की आंख में आंसू थे। इस भेद को निश्चित रूप से दुनिया समझेगी।
उन्होंने अपनी सरकार की विदेश नीति खासकर पड़ोसियों को लेकर नीति की चर्चा करते हुए कहा कि जिस दिन उन्होंने शपथ ली थी, उसी दिन दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) के नेताओं को आमंत्रित करके उनसे बातचीत की थी और उनका आह्वान किया था कि वे मिलकर क्षेत्र की साझा चुनौती गरीबी से लड़ाई लड़ें। अपने लोगों को गरीबी से आज़ादी दिलाने से बढ़कर कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा कि मानवता में पले बढ़े लोगों और आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों में अंतर क्या है, इसे समझना होगा। एक उदाहरण है कि पेशावर में एक स्कूल पर जब आतंकवादी हमला हुआ और निर्दोष बच्चों की हत्या कर दी गई। ज्ञान के मंदिर को मासूम बच्चों के खून से रक्तरंजित कर दिया गया। जब भारत की संसद में सबकी आंखों में आंसू थे। भारत का हर बच्चा दुखी था। यही हमारी मानवता है जबकि वहां के लोग हमारे यहां आतंकवादी घटना में लोगों के मारे जाने पर जश्न मनाया जाता है।
