ऑटो इंडस्ट्री में हर दिन इनोवेशन हो रहे हैं। लग्जरी सुविधाओं और फीचर्स से काफी आगे निकल कर अब आपकी कार सेल्फ ड्राइविंग मोड में जाने की तैयारी में है। बहुत जल्दी आपको सड़क पर ऐसी कारें चलती हुई देखने को मिल सकती हैं, जिनमें ना ड्राइवर होगा और ना स्टीयरिंग। ये कारें सेफ्टी, खर्च, पर्यावरण आदि के लिहाज से भी बेहतर रहेगी।क्यों काम की है सेल्फ ड्राइविंग कारें
यूएस नेशनल मोटर व्हीकल क्रैश कॉजेशन सर्वे के मुताबिक अमरीका में 94 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं मानवीय चूक से होती हैं। अमरीका में प्रत्येक 15 करोड़ किमी सड़क यात्रा पर एक व्यक्ति की मृत्यु हो रही है, जबकि वैश्विक औसत 9.5 करोड़ किमी का है। वहीं सेल्फ ड्राइविंग मोड में 21 करोड़ किमी के बाद किसी हादसे में मौत का मामला सामने आया है।
सेल्फ ड्राइविंग कारों के चलन में आने से कई समस्याओं का हल हो सकता है। लोग कारों को घरों में पार्क करने की बजाय कैब के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं। इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के विकल्प बढ़ेंगे और लोग खुद के व्हीकल खरीदना कम करेंगे, जिससे ट्रैफिक जाम और प्रदूषण जैसी समस्याओं पर नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।

