जो कैंसर पीड़ित बिटिया की मदद में आया, वो बना हँसी का पात्रकलेक्ट्रेट में गरीब बिटिया के लिए जुटा रहे रकम सलमान की लोगों ने उड़ाई हंसी
शाहजहाँपुर।। आज के समय में अपने नाम के आगे बडा बड़ा समाजसेवी लिखने बाले वो असल में समाज सेवा बहुत दूर होते है। और आज के समय में कोई समाज सेवा करना नही चाहता है। आजकल तो नाम के आगे सरनेम में समाजसेवी लगाना फैशन बन गया है। अगर समाज सेवा करनी हो और सीखनी हो तो वो आकर समाज सेवी मो. सलमान से मिले जो असल समाज सेवा करके समाज का भला करने की सोंचता है। जलालनगर निवासी कैंसर पीड़ित बिटिया प्रति गौतम के सलमान ने कुछ मदद करने को सोंचा, लेकिन एक अखबार डालने बाला ब्यक्ति कैंसर पीड़ित का इलाज कैसे करा सकता है। लेकिन उसने हार नही मानी और उसने गरीब बिटिया की मदद करने को ठानी और वो अपने गले में पीपा डालकर निकल पड़ा लोगों से मदद की गुहार लगाने, उसके इस अंदाज को कुछ लोगों ने सराहा तो कुछ लोगों के बीच हंसी का पात्र भी बना। पूरे दिन मेहनत करने के बाद सलमान मात्र 1210 रुपया ही जमा कर सका और जाकर गरीब बिटिया को दे आया।
सलमान ने बताया कि वो कलेक्ट्रेट में कई अधिकारियों के पास मदद के लिए गया लेकिन हजारों के वेतन साथ सुविधा शुल्क लेने वालों का दिल नही पसीजा और उन्होंने सलमान को दुत्कार कर भगा दिया। तथा सलमान ने बताया कि वो नगर विधायक के पास गए तो उन्होंने 200 रूपये दिखाये जो उसने उनको वापस कर दिए। इसके बाद वो जिला पंचायत अध्यक्ष व उनके पिता वीरेंद्र पाल यादव से मिला तो उन्होंने मदद को नौटँकी करार देते हुए सलमान को कार्यालय से भगा दिया। बसपा प्रत्याशी हाजी असलम खान से मिला तो उन्होंने कहा कि वो उस परिवार से मिल चुके है और बसपा सुप्रीमों से बिटिया की मदद करायेंगे की बात को कहते हुए सलमान को वापस कर दिया। इसके साथ ही वो कई नामी गिरामी लोगो के पास बिटिया की मदद के लिए गया लेकिन उसको निराशा ही हाथ लगी। जिससे वो बहुत निराश हुआ। तथा उसने कहा कि उसने हार नही मानी है और वो एक एक रुपया जमाकर बिटिया का इलाज करायेगा।
चुनाव के समय करोडों का पार्टी फंड जमाकर व प्रचार सामग्री पर करोड़ों खर्च करने बाले जनता के सेवक मात्र 200 रूपये दिखा कर बहुत बड़ा कार्य कर दिया उस गरीब बिटिया के साथ। अगर कुछ सीखना है तो उस गरीब सलमान से सिखो जो सुबह 4 बजे उठकर स्टेशन से अखबार लेकर डालने बाले का जज्बा देखो जो खुद गरीब होकर एक गरीब की मदद में आगे आया है। और वो समाज सेवी संगठन जो पेड़ लगाकर व ड्रम रखकर फोटो खिंचाने बाले उस गरीब बिटिया की हेल्प के लिए नही आये। क्यों कि यहां चमक दमक नही है वो गरीब है। आजकल गरीबों की मदद नही होती है। शहर में कई सामाजिक संगठन चल रहे, लेकिन वो सामाजिक संगठन सिर्फ अखबारों में आने मात्र तक सिमित है। उनको समाजसेवा करते हुए शहर वासियों ने नही देखा होगा। होली व रंग फुहार,नये साल पर डीजे की धुन पर हजारों की मदिरा बहाने बालों को गरीब बिटिया की पुकार नही सुनाई दे रही है।
