राजस्थान में सीकर के कटराथल में जब से शेखावाटी यूनिवर्सिटी खुली है, तब
से विवादों में हैं. कभी अपने नाम को लेकर तो कभी अपने काम को लेकर.यह यूनिवर्सिटी पहले खुली तो कई साल तक चालू नहीं हुई. चालू हुई तो सबसे पहले कॉलेज संचालकों ने मोर्चा खोल दिया. अब पहली परीक्षा करवाने के बाद परिणाम आया तो विद्यार्थियों ने मोर्चा खोल दिया है.
हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि परेशान विद्यार्थियों ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का मन बना लिया है. अब वे कहने लगे हैं कि उन्हें ऐसी यूनिवर्सिटी नहीं चाहिए. आपको बता दें कि परीक्षा परिणाम में बड़ी संख्या में लापरवाही का आरोप लगा है. अब तक यूनिवर्सिटी ने करीब 13 परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए हैं, जिनमें फेल का प्रतिशत 59.15 है.
यही नहीं कुल 99 हजार 890 विद्यार्थियों में से 59 हजार फेल हैं. सबसे बुरा परिणाम है बीकॉम प्रथम वर्ष का, जिसके पास आउट विद्यार्थी महज 28.52 प्रतिशत हैं. बात झुंझुनूं की करें तो झुंझुनूं के विद्यार्थियों का दावा है कि उनका बीएससी में 90 फीसदी अंक का टोटल था. जो अब एमएससी में मात्र 40 से 45 प्रतिशत हो गया है, जिससे उनका भविष्य चौपट हो गया है. विद्यार्थियों ने यूनिवर्सिटी के परिणाम की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग के साथ-साथ शेखावाटी यूनिवर्सिटी को बंद करने की मांग कर डाली है.
शेखावाटी यूनिवर्सिटी के हालातों को लेकर गत दिनों झुंझुनूं आए खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने भी बड़ी टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा कि दबाव के कारण सरकार ने यूनिवर्सिटी बिना संसाधनों और स्टाफ के शुरू कर दी.
