पंचों के
फैसले के अनुसार कोचिंग संचालक अपनी सारी जमीन अपने एकलौते बेटे के नाम पर
करने तक गांव से बाहर ही रहेगा। जमीन अपने पुत्र के नाम पर लिखने के बाद
फैसले से मुक्त किया जाएगा। साथ ही वे अपनी पत्नी को तीन हजार रुपये
प्रतिमाह देंगे।
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, ब्लॉक के एक गांव में एक विवाहित पुरुष कोचिंग संचालक का उसी गांव की एक लड़की से प्रेम प्रसंग की चर्चा थी। इसको लेकर पंचाें ने शुक्रवार को पंचायत बुलाई। दोनों को एक सप्ताह से गांव से गायब होने को पंचों ने आधार बनाया। आरोपी लड़का और लड़की का कहना है कि दोनों दिल्ली में आइएएस कोचिंग का पता करने गए थे। वे लोग नामांकन लेकर तैयारी करना चाहते थे।
पंचायत के फैसले के बाद लड़की का पूरा परिवार लड़की को लेकर ननिहाल चला गया है। पंचों ने फैसला सुनाया है कि लड़की की शादी के बाद ही परिवार गांव में आएगा।
लड़के की पत्नी ने फैसले को ठहराया सही
इधर, कोचिंग संचालक की पत्नी ने फैसले को सही ठहराया है। पंचायत में सरपंच पति उपस्थित थे। उन्होंने फैसले को सही बताया है। उसने कहा कि कोचिंग संचालक जमीन लिखने तक उनके कस्टडी में ही रहेगा।पंचायत की मुखिया सुनीता देवी ने बताया कि इस पंचायत की जानकारी मुझे नहीं है।
गांव से निकालने का फैसला गलत है। कोई दूसरा दंड देना चाहिए था। वहीं पंचों ने अपने फैसले को सही बताया।सकरा थाना प्रभारी सुरेंद्र मिश्रा ने बताया कि अभी तक किसी पक्ष ने थाने में आवेदन नहीं दिया है। आवेदन मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, ब्लॉक के एक गांव में एक विवाहित पुरुष कोचिंग संचालक का उसी गांव की एक लड़की से प्रेम प्रसंग की चर्चा थी। इसको लेकर पंचाें ने शुक्रवार को पंचायत बुलाई। दोनों को एक सप्ताह से गांव से गायब होने को पंचों ने आधार बनाया। आरोपी लड़का और लड़की का कहना है कि दोनों दिल्ली में आइएएस कोचिंग का पता करने गए थे। वे लोग नामांकन लेकर तैयारी करना चाहते थे।
पंचायत के फैसले के बाद लड़की का पूरा परिवार लड़की को लेकर ननिहाल चला गया है। पंचों ने फैसला सुनाया है कि लड़की की शादी के बाद ही परिवार गांव में आएगा।
लड़के की पत्नी ने फैसले को ठहराया सही
इधर, कोचिंग संचालक की पत्नी ने फैसले को सही ठहराया है। पंचायत में सरपंच पति उपस्थित थे। उन्होंने फैसले को सही बताया है। उसने कहा कि कोचिंग संचालक जमीन लिखने तक उनके कस्टडी में ही रहेगा।पंचायत की मुखिया सुनीता देवी ने बताया कि इस पंचायत की जानकारी मुझे नहीं है।
गांव से निकालने का फैसला गलत है। कोई दूसरा दंड देना चाहिए था। वहीं पंचों ने अपने फैसले को सही बताया।सकरा थाना प्रभारी सुरेंद्र मिश्रा ने बताया कि अभी तक किसी पक्ष ने थाने में आवेदन नहीं दिया है। आवेदन मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।