Breaking News
Loading...

किसान का बेटा बना लेफ्टिनेंट, लाखों की नौकरी छोड़ सेना को दी प्राथमिकता

Image may contain: one or more people    विदिशा।। आज के दौर में जब अधिकांश युवा मल्टीनेशनल कंपनियों की जॉब और लाखों के पैकेज को प्राथमिकता देते हों। ऐसे समय में एक किसान के मैकेनिकल इंजीनियर बेटे ने इस लुभावने आफर को ठुकराकर सेना की नौकरी को प्राथमिकता दी। महज 3 साल के भीतर यह युवा लेफ्टिनेंट बनने में कामयाब रहा। आज आमखेड़ा सूखा के पूर्व सरपंच जयंत पंडित का परिवार अपने बेटे तपन पंडित की इस सफलता पर फूला नहीं समा रहा है।
     नटेरन तहसील के एक छोटे से ग्राम आमखेड़ा सूखा के रहने वाले जयंत पंडित का इकलौता बेटा है तपन। इसके बावजूद उनके पिता ने अपने इकलौते बेटे को सेना में भेजने में जरा भी संकोच नहीं किया। पिछले 15 वर्षों तक आमखेड़ा सूखा के सरपंच रहे जयंत पंडित इन दिनों शहर के न्यू हरीपुरा में निवास करते हैं। नवदुनिया से बातचीत में जयंत ने बताया कि तपन की मिडिल स्कूल तक की पढ़ाई शहर के ही ट्रिनिटी कान्वेंट स्कूल में हुई।
     इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए इंदौर पहुंचा। जहां उसने हा.से. तक पढ़ाई करने के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। जयंत बताते हैं कि तीन साल पहले वर्ष 2013 में तपन के पास दो आफर थे। इनमें एक आस्ट्रेलिया की मल्टीनेशनल कंपनी का तो दूसरा सेना में भर्ती का विकल्प था।
     लेकिन तपन ने सेना को प्राथमिकता देते हुए लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित रक्षा सेवा परीक्षा में भाग लिया। और पहली ही बार में उन्होंने सफलता हासिल की। नियुक्ति के बाद अच्छी परफार्मेंस के चलते हाल ही में तपन को महज 25 साल की उम्र में लेफ्टिनेंट के पद पर पदोन्नत किया गया है। जयंत के मुताबिक उनकी शुरू से ही इच्छा थी कि तपन सेना में जाए। क्योंकि युवावस्था में उनका भी लक्ष्य सेना ही था। बीएसएफ में उनका चयन भी हो गया था। लेकिन पारिवारिक कारणों के चलते वे ज्वाइन नहीं कर पाए। इसी वजह से उन्होंने अपने बेटे को सेना में भेजकर अपना सपना पूरा किया। उनका कहना है कि किसानों को अपने परिवार से एक न एक व्यक्ति को भारतीय सेना में जरूर भेजना चाहिए।