भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी बुधवार को आईआईटी दिल्ली
पहुंचे. यहां छात्रों से संवाद के दौरान केरी ने मजाकिया लहजे में छात्रों
से पूछा, क्या आप यहां नावों से आए हैं?भारी बारिश के चलते सड़कों पर हुए जलभराव के कारण एक बार फिर दिल्ली के यातायात जाम में फंसे केरी ने आईआईटी दिल्ली में खचाखच भरी जनसभा में चुटीले अंदाज में कहा, ‘‘आज यहां तक पहुंचने के लिए आप सभी अवार्ड के हकदार हैं. आप लोग बहुत हिम्मत वाले हैं कि आप यहां पहुंच पाए हैं. मुझे नहीं पता कि आप यहां नाव से आये हैं या जल और जमीन दोनों पर चलने वाले किसी वाहन से लेकिन मैं आपको सैल्यूट करता हूं.’’
राष्ट्रीय राजधानी में हो रही भारी बारिश के कारण उनको तीन धार्मिक स्थलों का बुधवार का अपना दौरा रद्द करना पड़ा. आईआईटी में आयोजित कार्यक्रम के लिए विदेश मंत्री 40 मिनट की देरी से पहुंचे क्योंकि उनके काफिले को दिल्ली के जलभराव वाली सड़कों से गुजरना पड़ा. आम तौर पर उनके होटल से आईआईटी जाने में महज 15 मिनट लगते हैं.
सोमवार को हवाईअड्डे से होटल जाते समय भी वह लगभग एक घंटे तक सड़क जाम में फंसे रहे थे. इस दौरान केरी ने भारतीयों की भी जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, 'मैं जहां भी जाता हूं, जबर्दस्त चर्चाओं को और महत्वाकांक्षा से भरी भविष्य के विजन को पाता हूं. ये शायद हर भारतीय के डीएनए में है.'
उन्होंने कहा कि जाति और नस्ल का भेदभाव किए बिना हमें सभी नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करना होगा और आवाज उठाने पर जेल भेजे जाने के डर के बगैर उन्हें शांति से प्रदर्शन करने की अनुमति देनी होगी. उन्होंने कहा कि ध्रुवीकरण कहीं भी हो, अच्छा नहीं होता. यह असहिष्णुता और शासन के प्रति हताशा को दर्शाता है.
केरी ने कहा, यह स्पष्ट है कि आतंकी पनाहगाहों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए पाकिस्तान को काम करना बाकी है. अकेले कोई देश, अलकायदा, लश्कर, जैश जैसे आतंकी समूहों से नहीं लड़ सकता है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता हासिल करने के बारे में पूछे जाने पर केरी ने कहा कि इसके लिए मार्ग है लेकिन जटिल है.
