नोट बंदी की मार झेल
रही आम जनता के साथ सबसे बड़ा छलावा हुआ है। जहाँ एक ओर पूरे देश में गैर
कानूनी तरह से इकट्ठा की गयी नयी करेन्सी 2000 और 500 रूपये के नोट पकड़े
जा रहे है तो दूसरी तरफ एटीएम और बैंकों में घंटों लाइन लगाने के बाद भी आम
जनता को 2000 रूपये के नए नोट नहीं मिल पा रहे हैं।
अब तक पकड़ी गयी नयी करेन्सी की संख्या अरबों रूपये में पहुँच चुकी है।
अब नजर डालते है चौंकाने वाले तथ्यों पर कि कहाँ से आयी इतनी बड़ी मात्रा
में 2000 और 500 रूपये के नयी करेन्सी जो पिछलें कुछ दिनों से पकड़ी जा रही
है –
1) 2000 और 500 रूपये के नयी करेन्सी के नोट इतनी बड़ी मात्रा में ग़ैर क़ानूनी तरीके से धन्नासेठों तक पहुँचाने में सबसे बड़ा हाथ नोट प्रिन्टिग प्रेस और RBI का है क्योंकि यही से इतनी बड़ी मात्रा में नोट निकल कर लोगों तक सीधे तौर पर पहुँचायें जा सकते है।
2) 2000 और 500 रूपये के नयी करेन्सी के नोटों की धाँधली बैंकों से कम हुयी है क्योंकि सभी बैंकों में सी०सी० टीवी कैमरे लगे हुये है, जिसके कारण नोट खुले आम नहीं निकले हैं और निकले भी है तो बहुत ही गुप्त तरीके से क्योंकि करोड़ों रूपये बैंक मैनेजर या नोट पहुँचाने वाली एजेन्सी के माध्यम से ही बैंक के अन्दर और बाहर किये जा सकते है
3) RBI के पास देश के सभी बैंकों को भेजे गये नये नोटों के सीरियल नम्बर की डिटेल्स वा लिस्ट तो होगी ही, पकड़े गये नये नोटों के सीरियल नम्बर से पता करें कि यह नोट कौन सी बैंक की ब्रान्च में भेजें गये थे। तुरन्त उस बैंक के मैनेजर से पूछताछ की जाये और सम्बन्धित बैंक के सी०सी० टीवी फ़ुटेज चेक किये जायें,
4) इस पूरे प्रकरण की जाँच अगर एक विश्वस्त जाँच एजेंसी से करायी जाये तो सारा सच देश के सामने आ जायेगा।
जाँच का आधार –
अगर सभी नोट प्रिन्टिग प्रेस तथा RBI के अन्दर और बाहर की पिछले 6 महीने की सी०सी० टीवी रिकार्डिंग चेक की जाये,तो सारा सच सामने आ सकेगा। एैसा ही चेकिंग अभियान देश की हर छोटी-बड़ी बैंक की सी०सी० टीवी रिकार्डिंग चेक करने में किया जायेगा तो देश के सामने सच आ जायेगा और देश के सबसे बड़े गद्दार बेनकाब हो सकेंगे।
हालाँकि हमारे देश में एैसी कोई भी जाँच एजेंसी नहीं है जिसका नियंत्रण सरकारों के पास ना हो इसीलिये देश हमेशा के लिये सच से अछूता रहेगा।
1) 2000 और 500 रूपये के नयी करेन्सी के नोट इतनी बड़ी मात्रा में ग़ैर क़ानूनी तरीके से धन्नासेठों तक पहुँचाने में सबसे बड़ा हाथ नोट प्रिन्टिग प्रेस और RBI का है क्योंकि यही से इतनी बड़ी मात्रा में नोट निकल कर लोगों तक सीधे तौर पर पहुँचायें जा सकते है।
2) 2000 और 500 रूपये के नयी करेन्सी के नोटों की धाँधली बैंकों से कम हुयी है क्योंकि सभी बैंकों में सी०सी० टीवी कैमरे लगे हुये है, जिसके कारण नोट खुले आम नहीं निकले हैं और निकले भी है तो बहुत ही गुप्त तरीके से क्योंकि करोड़ों रूपये बैंक मैनेजर या नोट पहुँचाने वाली एजेन्सी के माध्यम से ही बैंक के अन्दर और बाहर किये जा सकते है
3) RBI के पास देश के सभी बैंकों को भेजे गये नये नोटों के सीरियल नम्बर की डिटेल्स वा लिस्ट तो होगी ही, पकड़े गये नये नोटों के सीरियल नम्बर से पता करें कि यह नोट कौन सी बैंक की ब्रान्च में भेजें गये थे। तुरन्त उस बैंक के मैनेजर से पूछताछ की जाये और सम्बन्धित बैंक के सी०सी० टीवी फ़ुटेज चेक किये जायें,
4) इस पूरे प्रकरण की जाँच अगर एक विश्वस्त जाँच एजेंसी से करायी जाये तो सारा सच देश के सामने आ जायेगा।
जाँच का आधार –
अगर सभी नोट प्रिन्टिग प्रेस तथा RBI के अन्दर और बाहर की पिछले 6 महीने की सी०सी० टीवी रिकार्डिंग चेक की जाये,तो सारा सच सामने आ सकेगा। एैसा ही चेकिंग अभियान देश की हर छोटी-बड़ी बैंक की सी०सी० टीवी रिकार्डिंग चेक करने में किया जायेगा तो देश के सामने सच आ जायेगा और देश के सबसे बड़े गद्दार बेनकाब हो सकेंगे।
हालाँकि हमारे देश में एैसी कोई भी जाँच एजेंसी नहीं है जिसका नियंत्रण सरकारों के पास ना हो इसीलिये देश हमेशा के लिये सच से अछूता रहेगा।