हमें स्वीकार करना होगा कि आतंकवादी “इस्लाम धर्म को मानने वाले हैं” – सऊदी जर्नलिस्ट
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हमें स्वीकार करना होगा कि आतंकवादी “इस्लाम धर्म को मानने वाले हैं” – सऊदी जर्नलिस्ट

   सऊदी जर्नलिस्ट व् टीवी होस्ट नदीने अल-बुदैर उन लोगों का खंडन किया जो कहते हैं– “आतंकी इस्लाम से सम्बन्ध नही रखते या मुस्लिम नही हैं.“ ब्रुसेल्स हमलों के बाद अब समय आ गया है कि हम शर्मिंदा हो जाएँ और इस बात में विश्वास करना बंद करें कि आतंकी कोई और है. “3 अप्रैल को सऊदी रोताना खालिजियाह टीवी पर एक कार्क्रम के दौरान उन्होंने ये सब कहा. उन्होंने कहा – “हम अपने अंतरात्मा की आवाज की आवाज क्यों छिपाते हैं. “ क्या ये आतंकवादी हमारे ही माहौल से उत्पन्न नही होते ?, उन्होने कहा.
उनकी वार्तालाप के कुछ अन्य अंश –
    “जब आतंकवादी आम जनता का नरसंहार करते हैं, कथित बुद्धिजीवी व पाखंडी लोग समूह में सामने आते हैं और कहते हैं कि ये लोग इस्लाम या मुस्लिम समाज से नही होते. पर क्या उनमे से कोई हमे बता पायेगा कि इस्लाम और मुस्लिम समाज को कौन प्रतिनिधित्व करता है.
    “हम उन लोगों को आम तौर पर देखते हैं जो कहते हैं कि जो हो रहा है उसका मुस्लिम समाज से कोई सम्बन्ध नही है और जो आतंकवादी है वो दारुबाज़, नशेबाज़ और घर से भागे हुए युवा हैं. हम सब जानते हैं कि यूरोप में कितने लोगों के घर नही हैं, वो गलियों में सडकों पर सोते हैं, भीख मांगते हैं, दारुबाज़ भी हैं तो नशेबाज़ भी. लेकिन क्या वो लोग हमारे शहरों में आ कर मस्जिदों को उड़ाने की हिम्मत रखते हैं ? और हम उनके बारे में ऐसा सोच सकते हैं ? हम ही हैं वो जो खुद को उड़ा रहे हैं. हम ही हैं वो जो दूसरों को उड़ा रहे हैं.“
      “हम अपनी ही अंतरात्मा की आवाज़ क्यों दबाते हैं ? क्यों शेख, मौलवी, जर्नलिस्ट और सब अरब के अधिकारी इस बात से बचते हैं जब वो आतंकवादियों की बात करते हैं ? क्या वो आत्नकवादी हमारे धर्म से नही आते ? क्या उनके परिवार हमारे समाज का हिस्सा नही हैं ? क्या उनमे से कोई वो नही जिसे तुम जानते हो – कोई तुम्हारे शहर से, तुम्हारा पड़ोसी, तुम्हारी गली से, रिश्तेदार, भतीजा, परिवार से, दादा, पिता, माँ या कोई भी जिसे तुम जानते हो – जो सीरिया या इराक में जिहाद करने गया है.
     “ब्रुसेल्स हमलों के बाद अब हमे शर्मिंदा हो जाना चाहिए और आतंकवादियों को कोई और समझने की भूल से बचना चाहिए. हमें इस मानना होगा कि वो हर जगह हैं, उनकी राष्ट्रीयता अरब है और वो इस्लाम को मानने वाले हैं. हमें मानना होगा कि वो हम हैं जिन्होंने उनको पैदा किया, और जिन्होंने उनको कट्टरवाद की शिक्षा दी. ये हमारे स्कूल व विश्वविद्यालय हैं जिन्होंने उनको सिखाया कि इस्लाम के आलावा दुसरे धर्म के लोग काफिर हैं.”
     दुनिया  सऊदी जर्नलिस्ट व् टीवी होस्ट नदीने अल-बुदैर उन लोगों का खंडन किया जो कहते हैं – “आतंकी इस्लाम से सम्बन्ध नही रखते या मुस्लिम नही हैं.“ ब्रुसेल्स हमलों के बाद अब समय आ गया है कि हम शर्मिंदा हो जाएँ और इस बात में विश्वास करना बंद...