
5 वर्ष का नन्हा अजय जो खिलौने से खेलने और जिद करने की उम्र में बारात में रास्तों को रोशन करने के लिए 5 किलो की रोड लाइट अपने सिर पर ढोने को मजबूर है। पूरे रास्ते ढोल नगाड़ों की धुन पर थिरकते लोगो के कदम कीचड़ में न चले जाएं उसके लिए यह मासूम अपनी गरीबी के चलते अपना जीवन अंधेरे में डाल लोगो के उत्सव में रोशनी कर रहा है।
आज तमाम सरकारी योजनाओं में गड़बड़झाले की तस्दीक हुई! यह बच्चा कक्षा 1 का छात्र है। पढ़ना चाहता है पर घर की तंगहाली उसके सपने की राह का रोढा है। यह बच्चा विकास खण्ड बावन के ग्राम बरसोहिया का रहने वाला है। सरकारी अधिकारी कुछ तो सम्वेदनाएँ दिखाए और खुद को इंसान समझते हुए इस बच्चे के परिवार को सरकार द्वारा मिलने वाली योजनाओं का लाभ दिलवाए। इस पूरी बारात में 7 या 8 बच्चे थे जो कक्षा 1 से 4 तक के छात्र है पर मजदूरी करने को मजबूर है।