निपाह वायरस बीमारी के लक्षण क्या हैं ?
यह तेज़ी से उभरता वायरस है, जो जानवरों और इंसानों में गंभीर बीमारी को जन्म देता है. वायरस को पुराने चमगादड़ ले जाते हैं, जिन्हें फ्रूट बैट भी कहा जाता है. 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था. वहीं से इस वायरस को ये नाम मिला. उस वक़्त इस बीमारी के वाहक सूअर बनते थे.
लेकिन इसके बाद जहां-जहां निपाह के बारे में पता चला, इस वायरस को लाने-ले जाने वाले कोई माध्यम नहीं थे. साल 2004 में बांग्लादेश में कुछ लोग इस वायरस की चपेट में आए. सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक निपाह वायरस का इंफ़ेक्शन एंसेफ़्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग़ को नुक़सान होता है.
5 से 14 दिन तक इसकी चपेट में आने के बाद ये वायरस तीन से 14 दिन तक तेज़ बुख़ार और सिरदर्द की वजह बन सकता है. 24-48 घंटों में मरीज़ कोमा में पहुंच सकता है. इंफ़ेक्शन के शुरुआती दौर में सांस लेने में समस्या होती है जबकि आधे मरीज़ों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होती हैं. दिमाग में सूजन होने लगता है. तेज़ बुखार और सिरदर्द होता है. मांसपेशियों में दर्द होता है.
इस भयावह बीमारी से बचने के लिए मेडिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि फल न खाएं. उस व्यक्ति के नजदीक न जाएं जो इस वायरस से पीड़ित हो. इस वायरस की वजह से जिनकी मौत हुई हो, उनके शव से भी दूर रहें. अगर आपको तेज बुखार हो तो अस्पताल जाएं.
यह तेज़ी से उभरता वायरस है, जो जानवरों और इंसानों में गंभीर बीमारी को जन्म देता है. वायरस को पुराने चमगादड़ ले जाते हैं, जिन्हें फ्रूट बैट भी कहा जाता है. 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था. वहीं से इस वायरस को ये नाम मिला. उस वक़्त इस बीमारी के वाहक सूअर बनते थे.
लेकिन इसके बाद जहां-जहां निपाह के बारे में पता चला, इस वायरस को लाने-ले जाने वाले कोई माध्यम नहीं थे. साल 2004 में बांग्लादेश में कुछ लोग इस वायरस की चपेट में आए. सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक निपाह वायरस का इंफ़ेक्शन एंसेफ़्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग़ को नुक़सान होता है.
5 से 14 दिन तक इसकी चपेट में आने के बाद ये वायरस तीन से 14 दिन तक तेज़ बुख़ार और सिरदर्द की वजह बन सकता है. 24-48 घंटों में मरीज़ कोमा में पहुंच सकता है. इंफ़ेक्शन के शुरुआती दौर में सांस लेने में समस्या होती है जबकि आधे मरीज़ों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होती हैं. दिमाग में सूजन होने लगता है. तेज़ बुखार और सिरदर्द होता है. मांसपेशियों में दर्द होता है.
इस भयावह बीमारी से बचने के लिए मेडिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि फल न खाएं. उस व्यक्ति के नजदीक न जाएं जो इस वायरस से पीड़ित हो. इस वायरस की वजह से जिनकी मौत हुई हो, उनके शव से भी दूर रहें. अगर आपको तेज बुखार हो तो अस्पताल जाएं.