अक्सर रक्तदान करने वाले खतूरिया इस बार बच्चो की मदत के लिए पहुंचे

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भामाशाह खतुरिया ने स्कूली बच्चों को बांटी स्टेशनरी
बैठने के लिए दी दरियां-चटाई, प्रभावी शिक्षण के लिए दिया ग्रीन बोर्ड
Social worker Ajay Khaturiya Udaipur
   उदयपुर/राजस्थान।। जब सरकार निकम्मी और कामचोर हो जाए तो कुछ लोगो को समाज के उत्थान का बीड़ा ना चाहते हुए भी उठाना ही पड़ता है। जी हां पुरे राज्य में सरकारी विद्यालयों के दर्दनाक हालात किसी से भी छुपे नहीं है। हर कोई शिक्षा के ढेर हो चुके ढांचे से त्रस्त हो चूका है। जनता ने जहा अच्छी शिक्षा व अच्छे रोज़गार के लिए कांग्रेस सरकार को राजस्थान में चुना था, वही कांग्रेस ने सत्ता में आते ही उलटे जनता को ही बर्बादी का चूना लगाना शुरू कर दिया। नीच कांग्रेस की भूख इतनी ज्यादा बड़ गई की वह जनता के टेक्स के पैसों से सिर्फ अपने मंत्री और विधायकों के साथ होटलों में अय्याशी करती हुई अक्सर आपको दिख ही जाएगी। बात जब विधायकों को खरीदने की हो या कांग्रेसी मंत्रियों के सुख-सुविधाओं की हो तो सरकार जनता के टेक्स के पैसों का धुआँ निकाल देती है, लेकिन वही बात जब जनहित की हो तो सरकार खुद को दिवालिया घोषित करने में देर नहीं करती है। 
सरकारी स्कूल में गरीब बच्चो की मदत के लिए आये आगे  
   ऐसी विपरीत और जटिल चुनौतीपूर्ण स्थितियों में कुछ लोग है, जो गरीबों के मसीहा बनकर सामने आते है। जी हां उदयपुर शहर के प्रतिष्ठित मार्बल व्यवसायी एवं समाजसेवी अजय खतुरिया ने मंगलवार को शहर के गिर्वा क्षेत्र के काया स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सुरफलाया में स्कूली बच्चों को स्टेशनरी वितरित की। भामाशाह के रूप में विद्यालय पहुंचे अजय ने विद्यालय में बच्चों के बैठने हेतु दरिया व चटाई तथा शिक्षण व्यवस्था को प्रभावी बनाने हेतु ग्रीन बोर्ड भी प्रदान किया। 
भविष्य में भी की जाएगी हर संभव सहायता 
  इस अवसर पर अजय ने विद्यार्थियों को पढ़-लिख कर आगे बढ़ने एवं नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया और साथ ही विद्यालय परिवार को आश्वस्त किया कि भविष्य में भी उनकी तरफ से हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। विद्यालय के प्रधानाध्यापक सहित अन्य स्टाफ सदस्यों ने समाजसेवी अजय का स्वागत किया और इस सहयोग के लिए आभार जताया। 
Social worker Ajay Khaturiya Udaipur
  उल्लेखनीय है कि समाज सेवा में अग्रणी रहने वाले अजय खतुरिया एक रक्तदाता भी है और इन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेख में सेवा करते हुए अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।

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