एटीएम इंडस्ट्री की शीर्ष संस्था कंफडेरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री ने किया आगाह अगले 4 महीने में देशभर के करीब 1.13 लाख यानी आधे से ज्यादा एटीएम बंद हो सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो इसका असर पूरे देश पर होगा और लोगों को कैश निकालने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
एटीएम इंडस्ट्री की शीर्ष संस्था कंफडेरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री के मुताबिक, मार्च 2019 तक देश के 50 फीसदी एटीएम बंद हो सकते हैं. इसमें 1 लाख ऑफ साइट एटीएम और 15,000 व्हाइट लेबल एटीएम हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डेटा के अनुसार, सितंबर तक भारत में 2,21,492 एटीएम काम कर रहे हैं.
कंफडेरेशन ऑफ एटीम इंडस्ट्री के मुताबिक इन एटीएम को चलाना आर्थिक हित में नहीं है. संस्था ने कहा कि अगर इन्हें चालू रखा गया तो सरकार की वित्तीय समावेश की योजना को धक्का लग सकता है और देश में नोटबंदी जैसे हालात फिर पैदा हो सकते हैं.
एटीएम के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड को लेकर जो नए नियम आए हैं उनके चलते पुराने एटीएम को चलाना मुश्किल हो जाएगा. इसके अलावा कैश मैनेजमेंट स्टैंडर्ड और कैश लोडिंग को लेकर भी नियम जारी हुए हैं. इससे एटीएम कंपनियां, ब्राउन लेबल और व्हाइट लेबल एटीएम प्रदाता पहले ही नोटबंदी के दौरान हुए घाटे से जूझ रहे हैं.
नई तकनीकों के हिसाब से एटीम में बदलाव के लिए बैंकों को ज्यादा खर्च करना पड़ेगा. रिपोर्ट के मुताबिक इन मशीनों के कैश लॉजिस्टिक और कैसेट स्वैम मेथड में बदलाव करने में ही 3,500 करोड़ का खर्च आ सकता है. अगर बैंक इस खर्च का बोझ नहीं उठाते हैं तो एटीएम सर्विस देने वाली कंपनियां इन्हें बंद करने का फैसला कर सकती हैं.
