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खबर के मुताबिक, 3 दिनों तक चलने वाली काशी धर्म संसद में चारों पीठों के शंकराचार्य के प्रतिनिध समेत देश-विदेश के कई साधु-संत शामिल हुए। इस संसद में कई मुद्दों पर अहम बातचीत हुई जिसमें साधु-संत पीएम मोदी से खुश नजर नहीं आये। इस दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि माता कभी कुमाता नहीं होती, लेकिन पुत्र कभी कभी कुपुत्र हो जाता है। तो पुत्र तो हैं वो (पीएम मोदी) क्योंकि वो खुद को कहते हैं कि मैं गंगा मां का पुत्र हूं तो हम इसे कैसे खारिज कर दें कि वो पुत्र नहीं हैं। लेकिन उनके आचरण से ये सिद्ध हो जाता है कि वो गंगा माता के सुपुत्र नहीं बल्कि कुपुत्र हैं। क्योंकि उन्होंने गंगा मां के नाम पर सत्ता हासिल की और गंगा माता की कोई सुध नहीं ली।
उन्होंने कहा कि मोदी ने काशी में आकर कभी गंगा में स्नान भी नहीं किया। इसके साथ ही जब वो फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ काशी आए थे तो वो जूता पहने हुए सीधे रैंप पर से नाव में चढ़ गए थे और यात्रा करके सीधा उतर गए थे। उन्होंने गंगा मां को प्रणाम तक नहीं किया।
अविमुक्तेश्वरानंद ने सिर्फ गंगा मां का मुद्दा ही नहीं बल्कि राम मंदिर का मुद्दा भी उठाकर मोदी सरकार पर हमला किया और कहा कि राम मंदिर को लेकर लगातार वो सिर्फ राजनीति कर रहे हैं और उनका मंदिर निर्माण का कोई इरादा नहीं है।