अमेरिकी कमांडो हेलीकॉप्टर से आए, 15 मिनट में बगदादी को निपटाया, जानिए पूरी कहानी
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अमेरिकी कमांडो हेलीकॉप्टर से आए, 15 मिनट में बगदादी को निपटाया, जानिए पूरी कहानी

    शनिवार की आधी रात सीरिया के इदलिब प्रांत में स्थित बारिशा के निवासी अमेरिकी हेलीकॉप्टरों की आवाज सुनकर अचानक नींद से जाग गए। थोड़ी देर बाद उन्हें गोलियों और बम के गोलों की आवाजें सुनाई देने लगी। लेकिन स्थानीय निवासियों को शायद इस बात का बिलकुल भी अंदेशा नहीं था कि उनके पड़ोस में ही दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन का सरगना अबू बकर अल बगदादी मारा जाएगा।
   बता दें कि सीरिया का यह गांव तुर्की की दक्षिणी सीमा से मात्र पांच किलोमीटर दूर है। इदलिब सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के विरोधियों का गढ़ है। यहां कुर्द और सीरिया सरकार विरोधी अन्य संगठन सक्रिय हैं।
   इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप गोल्फ खेलकर आने के बाद व्हाइट हाउस के वॉर रूम में बैठकर पूरा ऑपरेशन लाइव देख रहे थे। उनके साथ अमेरिकी सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी और मध्य पूर्व मामलों के सलाहकार भी मौजूद थे।
स्पेशल फोर्सेज ने कैसे दिया मिशन को अंजाम
    अमेरिका ने इस मिशन के लिए स्पेशल फोर्स के एक बड़े समूह को शामिल किया था। इसमें आठ हेलीकॉप्टर, नौसेना के कई युद्धक पोत और लड़ाकू विमान शामिल थे। अमेरिकी खुफिया एजेंसियां पहले से ही जानती थीं कि बगदादी यहां रह रहा है और उसके साथ बड़ी संख्या में आईएस लड़ाके भी सुरक्षा में तैनात हैं।
Image result for baghdadi kill by american force   अमेरिकी हेलीकॉप्टरों ने तुर्की के ऊपर से उड़ान भरते हुए सीरिया के इदबिल प्रांत में प्रवेश किया। इस जगह से थोड़ी दूर पर सीरिया और रूस की सेना भी तैनात हैं लेकिन उन्हें इस ऑपरेशन की भनक तक नहीं लगी।
   ट्रंप के अनुसार हेलीकॉप्टर ने बहुत ही खतरनाक इलाकों से उड़ान भरी। इस बात का डर था कि हेलीकॉप्टर कहीं आग की चपेट में न आ जाएं। उसकी रफ्तार कभी बहुत धीमी करनी पड़ती थी तो कभी बहुत ही तेज। जैसे ही हेलीकॉप्टर बगदादी के ठिकाने के पास पहुंचे कि गोलीबारी शुरू हो गई।
   जमीन पर उतरने से पहले हेलीकॉप्टर से 30 मिनट तक गोलीबारी हुई। हेलीकॉप्टर से दो घरों पर मिसाइलें भी दागी गईं। इसमें एक घर पूरी तरह से तबाह हो गया।
   बारिशा गांव में पहले एक हेलीकॉप्टर को उतारा गया। इसके बाद अमेरिका के स्पेशल फोर्स के जवानों ने परिसर की दीवारों को विस्फोटकों के जरिए उड़ा दिया। जवानों ने मुख्य दरवाजे का प्रयोग इसलिए नहीं किया क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं उनमें विस्फोटक न लगे हों।
अमेरिकी सैनिकों के साथ थे प्रशिक्षित कुत्ते और एक रोबोट
    अमेरिकी कमांडो टीम के साथ प्रशिक्षित कुत्ते और एक रोबोट भी था। यह रोबोट किसी भी तरह के आत्मघाती हमले का सामना करने में सक्षम था। कमांडो टीम अत्याधुनिक हथियारों से लैस थी।
   लगभग दो घंटे तक चला ऑपरेशन राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह ऑपरेशन लगभग दो घंटे तक चला। अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज से डर कर वह आगे से बंद एक सुरंग में भागने लगा...वह अपने आखिरी समय में खूब रो रहा था, चीख-पुकार कर रहा था।
   ट्रंप ने बताया कि बगदादी के पीछे अमेरिकी सेना के कुत्ते दौड़ रहे थे। जिस शख्स ने दूसरों को डराने-धमकाने की इतनी कोशिश की, उसने अपने अंतिम क्षणों को पूरी तरह से भय और अमेरिकी बलों के खौफ में बिताया।
विस्फोटकों से भरा जैकेट पहनकर खुद को उड़ाया
    जब कुत्ते बगदादी के नजदीक पहुंच गए तब उसने विस्फोटकों से भरा जैकेट पहनकर खुद को उड़ा लिया। इस घमाके के सुरंग धंस गई और बगदादी अपने तीन बच्चों के साथ इसमें समा गया। इसके बाद मलबों से बगदादी का शरीर क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया।
   डीएनए टेस्ट से हुई मौत की पुष्टि ट्रंप ने कहा कि 15 मिनट के भीतर ही बगदादी को अमेरिकी फौज ने मार दिया। स्पेशल फोर्स के साथ वो एक्सपर्ट भी थे जो डीएनए जांच के बाद व्यक्ति की पहचान करते हैं। इन्होंने उसी समय जांच कर बगदादी के डीएनए से मिलान किया जो बिल्कुल सही निकला। बताया जा रहा है कि एक्सपर्ट बगदादी के बॉडी के पार्ट को अमेरिका लेकर चले गए।
अमेरिकी स्पेशल फोर्स को नहीं हुआ कोई नुकसान
    इस ऑपरेशन में अमेरिकी स्पेशल फोर्स को कोई नुकसान नहीं हुआ। मारे गए लोगों में बगदादी की दो पत्नियां शामिल हैं। दोनों ने कमर में विस्फोटक बांध रखा था लेकिन वह फटा नहीं। हालांकि इस दौरान अमरिकी सेना का एक कुत्ता बगदादी का पीछा करते हुए घायल हो गया।

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