पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर 15 करोड़ की ठगी, 400 बने शिकार
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पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर 15 करोड़ की ठगी, 400 बने शिकार

     आगरा।। प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर 15 करोड़ रुपये की ठगी का मामला रेंज साइबर सेल के सामने आया है। जांच में पता चला कि इस फर्म का न तो सरकार से कुछ लेना देना है और नही यह मिशन से जुड़ी है। शातिर ठगों ने नोएडा में कंप्यूटर फर्म खोलकर मिशन का ठेका देने के नाम पर यह रकम जमा की है।ये लोग स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठेके देने का प्रचार सोशल मीडिया पर करते हैं। इस ठगी का शिकार बने व्यक्ति ने आईजी रेंज ए सतीश गणेश से ठगी की शिकायत की हैं।
     पीड़ित पवन धाकरे ने बताया कि वो सरकारी इमारत बनाने के ठेके लेते हैं। फर्म इलेक्टॉनिक्स के काम के लिए कानपुर से पंजीकृत है। इसका दफ्तर नोएडा में है।वहां 10 कम्प्यूटर लगे हैं। एक सर्वर लगा रखा है जिस पर फोटो अपलोड किए जा सकते हैं। वो सितंबर में नोएडा में कंपनी की निदेशक पूनम गुप्ता, प्रबंधक अभिषेक और प्रोजेक्ट इंचार्ज अंकित त्रिपाठी से मिले। ठेका लेने वालों से 100 रुपये के स्टांप पेपर पर अनुबंध किया गया है कि मिशन के तहत शौचालयों के फोटो कराकर भेजने का ठेका दिया जाता है। बदले में प्रत्येक फोटो के 118 रुपये दिए जाएंगे। एक जिले में काम करने की सिक्योरिटी मनी 3.5 लाख रुपये है। उन्होंने मथुरा और हाथरस के लिए कहा। इसके लिए सात लाख रुपये जमा करा दिए। अक्तूबर में उन्हें 10 टेबलेट दे दिए गए। कुछ दिन बाद कहा कि आप अपने लोगों की ट्रेनिंग करा लें।उन्होंने नोएडा बुलाकर एक ही दिन में 20 युवकों की ट्रेनिंग पूरी कर दी। पवन ने पूनम से पूछा,फोटो कब से भेजने हैं।जवाब मिला,अभी सरकार से ऑर्डर नहीं आया। एक महीने इंतजार के बाद पता चला कि इससे सरकार का कुछ लेना देना नहीं हैं, तब पवन ने इस ठगी की आलाधिकारियों से शिकायत की हैं।
     आगरा रेंज साइबर सेल के प्रभारी शैलेंद्र ने बताया कि फर्म को नोटिस जारी कर पूछा गया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत फोटो खींचने का ठेका कब और किस विभाग से मिला? पवन से सात लाख रुपये किस आधार पर लिया? जवाब मिला, हमारी फर्म सरकार से नहीं जुड़ी है, नही स्वच्छ भारत मिशन से कोई मतलब है,हम तो पीएम नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर खुद ही यह काम कर रहे हैं। पवन की रकम के बारे में जवाब आया,उन्होंने तो हमें चंदा दिया है। आगरा रेंज साइबर सेल ने फर्म के खाते मालूम कर इनकी डिटेल निकलवाई। लगभग 15 करोड़ रुपया छह महीने में जमा हुआ। जैसे ही कोई तीन-चार लाख रुपये जमा कराता, वैसे ही पैसा निकाल लिया जाता। उनका कहना है कि साइबर ठग ऐसे ही शिकार बनते हैं।
   आईजी रेंज ए सतीश गणेश ने बताया कि इसकी जांच साइबर सेल कर रही है।साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जल्द कार्रवाई होगी। स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर ठगी की शिकायत आई है।



(संजय सागर)

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